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अदाणी मामले पर मोदी कांग्रेस के सीधे टारगेट पर : सचिन पायलट ने कहा-अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जांच होने दें!

अदाणी मामले में केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्षी नेता आए दिन हमलावर होते जा रहे हैं। संसद में राहुल गांधी के सवालों से मिली संजीवनी के बाद कांग्रेस के कई नेता अब अदाणी मामले पर प्रधानमंत्री मोदी को ही सीधे टारगेट कर रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता सचिन पायलट कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। पायलट ने कहा कि संसद में जब हमारे अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडानी स्टॉक क्रैश जैसे गंभीर मुद्दे को उठाया तो उन्होंने उसे एक्सपंज कर दिया। संसद की एक मर्यादा होती है कि क्या एक्सपंज हो सकता है और क्या नहीं?

पायलट ने पीएम मोदी पर बोला हमला
सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा के पास बहुमत है इसका मतलब ये नहीं कि वे प्रश्नों को एक्सपंज कर देंगे। प्रधानमंत्री ने भी शेयर मार्केट क्रैश, जनता के पैसों का दुरूपयोग, सरकारी संपत्ति को निजी हाथों में देना आदि पर कोई जवाब नहीं दिया।

जेपीसी से क्यों कतराती है आज की सरकार?: सचिन पायलट
सचिन पायलट ने कहा कि जेपीसी से क्यों कतराती है आज की सरकार? अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो जांच होने दें। भाजपा ने हिंडनबर्ग शोध पत्रों द्वारा लगाए गए किसी भी आरोप का खंडन नहीं किया है। इससे भी अजीब बात यह है कि यह सरकार यह जांच करने के लिए भी तैयार नहीं है कि यह पैसा कहां से आ रहा है, चाहे वह चीन या पाकिस्तान का पैसा हो। हम जेपीसी जांच या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली जांच की मांग करते हैं तो सरकार साफ इनकार कर देती है। यह संभव है कि निवेश किया गया पैसा चीन या पाकिस्तान का हो।

अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को झटका
अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई। यहां केंद्र सरकार को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल द्वारा कमेटी के सदस्यों के नामों के सुझाव को सीलबंद लिफाफा में लेने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि हम आपकी ओर से सीलबंद लिफाफे को स्वीकार नहीं करेंगे। क्योंकि हम पूरी पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं।

कांग्रेस नेता अजय माकन ने मोदी सरकार को घेरा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने शुक्रवार को पूछा कि मोदी सरकार अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने से डर क्यों रही है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हवाई अड्डों और बंदरगाहों जैसे रणनीतिक क्षेत्रों को एक कंपनी को सौंपने का मुद्दा देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा था। अदाणी समूह के साथ भाजपा शासित केंद्र के सौदे से क्रोनी कैपिटलिज्म की बू आती है और सरकार द्वारा प्रायोजित निजी एकाधिकार का निर्माण होता है। उन्होंने कहा और दावा किया कि अदाणी जैसी कंपनी को हवाई अड्डों और बंदरगाहों का नियंत्रण देना मारे देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि अदाणी समूह देश की बंदरगाह क्षमता का 30 प्रतिशत और कंटेनर क्षमता का 40 प्रतिशत उपयोग करता है। कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार से पूछना चाहती है कि वह इस मुद्दे पर जेपीसी बनाने से क्यों डरती है। अगर तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार (कांग्रेस) हर्षद मेहता घोटाले के लिए जेपीसी बना सकती थी, और केतन पारेख के लिए अटल बिहारी वाजपेयी (बीजेपी) जेपीसी बना सकते हैं तो आप जेपीसी (अडानी स्टॉक रूट के लिए) क्यों नहीं स्थापित कर रहे हैं?