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अडाणी समूह से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति की जांच से नहीं मिलेंगे जवाब, उनके जवाब सिर्फ़ JPC जांच से ही मिल सकते हैं : कांग्रेस

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि अडाणी समूह से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति की जांच से सिर्फ भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों का उल्लंघन होने या न होने के बारे में पता चलेगा, लेकिन इस पूरे प्रकरण को लेकर संसद में जो सवाल उठाए गए, उनके जवाब सिर्फ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से ही मिल सकते हैं।

जवाब सिर्फ जेपीसी की जांच से ही मिल सकता है

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह मामला राजनीति और कॉरपोरेट के बीच सांठगांठ का है और इस पर जेपीसी जांच होनी चाहिए।उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मामला सिर्फ सेबी के नियमों के उल्लंघन तक ही सीमित नहीं है। इसमें आगे भी कई सारे मुद्दे शामिल हैं। इससे जुड़े सवालों के जवाब उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित जांच समिति नहीं दे सकती। यह जवाब सिर्फ जेपीसी की जांच से ही मिल सकता है।’’

रमेश का कहना था, ‘‘यह (न्यायालय की) समिति भले अपनी जांच करेगी, लेकिन हमें (इससे) कोई उम्मीद नही है।’’कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन) खरगे ने संसद में सवाल उठाये थे। उन सवालों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है। इन सवालों के जवाब जेपीसी के माध्यम से ही देश के सामने आ सकते हैं।’’

दो माह के अंदर सीलबंद लिफाफे में देनी होगी

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने शेयर बाजार के विभिन्न नियामकीय पहलुओं के साथ अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट की जांच के लिए बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अगुवाई में एक समिति के गठन का आदेश दिया। समिति को अपनी रिपोर्ट दो माह के अंदर सीलबंद लिफाफे में देनी होगी।अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हाल में आई भारी गिरावट के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने यह बड़ा कदम उठाया है। इसके साथ ही न्यायालय ने सेबी को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में अपनी जांच को दो माह में पूरा करे और स्थिति रिपोर्ट सौंपे।