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अज़रबैज़ान और आर्मीनिया के संघर्ष में 32 लोगों की मौत हुई

अज़रबैज़ान की सेना के नागोर्नो-काराबाख इलाक़े में आक्रामक अभियान शुरू करने के चौबीस घंटे के अंदर ही आर्मीनियाई नस्ल के लड़ाकों की फोर्स संघर्ष विराम के लिए तैयार हो गई है. उन्होंने रूस की ओर से तय की गई शर्तों को मान लिया है.

एक दिन पहले ही अज़रबैजान ने यहां हमला किया था, जिसे वो ‘आतंकवाद रोधी अभियान’ बताते हैं.

नागोर्नो-काराबाख के अधिकारियों का कहना है कि हालिया संघर्ष में 32 लोगों की मौत हुई है. संघर्ष विराम के तहत स्थानीय सेना के पास से पूरी तरह हथियार हटाने और आर्मीनिया के सुरक्षाबलों की वापसी शामिल है.

नागोर्नो-काराबाख इलाके के अधकारियों का कहना है कि उन्हें ‘अपने दुश्मन के हाथों’ नुकसान का सामना करना पड़ा है क्योंकि संख्याबल और हथियार से वे ज़्यादा बेहतर स्थिति में हैं. इस इलाके में कई महीने से तनाव जारी है.

नागोर्नो-काराबाख की अधिकतर आबादी आर्मीनियाई मूल की है लेकिन अंतरराष्ट्रीय जगत इस इलाके को अज़रबैजान के हिस्से के तौर पर मान्यता देता है. ये दोनों देश दक्षिण कॉकेशस क्षेत्र में स्थित हैं जो कि पूर्वी यूरोप और एशिया का पहाड़ी क्षेत्र है. इसके एक तरफ़ काला सागर है तो दूसरी तरफ़ कैस्पियन सागर है.

अज़रबैजान और आर्मीनिया के बीच तीन साल पहले भी लंबा संघर्ष हुआ था.