विशेष

अजब-अनोखी वनस्पति : मधुनाशिनी/गुड़मार

Neelam Sourabh
================
·
अजब-अनोखी वनस्पति : मधुनाशिनी/गुड़मार
_______________________________________
सोचिए, अगर कभी ऐसा हो तो क्या हो कि आपका कोई ऐसा विश्वासपात्र हितैषी जिस पर आप आँख मूँद कर भरोसा कर सकें, आपको पहले प्यार से मीठा पान खिलाये फिर आपकी आँखों पर पट्टी बाँध कर आपको एक चम्मच भर कर कुछ खिलाये और पहचानने को कहे! फिर किसी चीज का एक टुकड़ा आपके मुँह में डाले और फिर से अपनी बात दोहराये!

May be an image of devilwood

मुझे लगता है आप हैरान-परेशान होकर तत्काल अपनी आँखों पर से पट्टी हटायेंगे और जानना चाहेंगे कि उसने आपको रेत और मिट्टी क्यों खिलायी है। लेकिन यह देख कर आपके अचरज का पारावार नहीं रहेगा, जब आप पायेंगे कि उसने आपको पहले चीनी खिलायी थी, फिर गुड़ का टुकड़ा। आप अवश्य ही खुली आँखों से देखते हुए अबकी बार ख़ुद से चीनी और गुड़ खाकर देखेंगे कि आख़िरकार माज़रा क्या है! आपकी हैरानी का अन्त यहाँ अभी भी नहीं होगा, बल्कि आपको आँखों-देखे पर भरोसा करना मुश्किल हो जायेगा क्योंकि बदस्तूर आपको दोनों चीजें एकदम फीकी स्वादहीन ही लगेंगी।

क्यों होगा ऐसा, इसमें कोई जादू या चमत्कार बिल्कुल नहीं है बल्कि यह करिश्मा तो है उस पान के कारण जिसके अन्दर ‘गुड़मार’ की मीठी पत्तियाँ भरी हुई होंगी।

May be an image of devilwood

अगर इस नाम से पहली बार आपका परिचय हो रहा है तो आलेख पूरा पढ़िएगा ताकि आप जान सकें कि कितनी अजब-अनोखी वनस्पति लेकर आयी हूँ मैं इस बार।

यह गुड़मार आयुर्वेद में मधुनाशिनी के नाम से उल्लेखित है जो यूँ तो जंगलों में मिलने वाली एक जंगली, काष्ठीय तने वाली आरोही बेल(wooden climber) होती है, किन्तु इसके स्वास्थ्य-सम्बन्धी इतने लाभ हैं कि वर्तमान में मेडिसिनल प्लांट के रूप में इसकी खेती होने लगी है। मनीप्लांट या छोटे पान की पत्तियों से मिलती-जुलती होती हैं इसकी पत्तियाँ (तस्वीरों में देखें) और इसके बेल पर छोटे-छोटे गुच्छों में सुन्दर फूल भी लगते हैं। आप यह जादुई लता घर पर गमले में शोभाकारी पौधे के रूप में आसानी से लगा कर रख सकते हैं और इसका प्रयोग कर कई लाभ ले सकते हैं।

May be an image of devilwood

आपको पता ही होगा कि मधुमेह यानी डायबिटीज के मरीजों को कई बार मीठा खाने की तीव्र इच्छा होती है जिसे वे नियंत्रित न कर पायें और अगर कुछ अधिक मीठा खा लें तो उनकी रक्तशर्करा तेजी से बढ़ कर उन्हें अचानक से गम्भीर बीमार कर सकती है। उनका अपनी इन्द्रियों पर से नियंत्रण समाप्त हो सकता है, वे चक्कर खा कर गिर भी सकते हैं। तो ऐसे समय में डायबिटीज के मरीज़ अगर ब्लड शुगर के साथ मीठा खाने की क्रेविंग को भी कंट्रोल करना चाहते हैं तो इस चमत्कारी बूटी का सेवन कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए गुड़मार की पत्ती बेहद असरदार साबित होगी, निश्चित जानिए।

भारतीय देसज जड़ी-बूटियों पर शोध करने वाली एक संस्था द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह गुड़मार एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियाँ स्वाद में मीठी होती हैं जो ऐसे रसायनों से भरी होती हैं जो मीठा खाने की तीव्र इच्छा का शमन करने के साथ तेजी से रक्तशर्करा अर्थात ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं।

No photo description available.

हो सकता है आप सोच रहे होंगे कि गुड़मार की पत्तियाँ शुगर को आखिर कैसे कंट्रोल करती होंगी तो चलिए जानते हैं इस विषय में। गुड़मार की पत्तियाँ स्वाद में मीठी तो होती हैं लेकिन इसमें चीनी या गुड़ की तरह बिल्कुल भी हाई कैलोरी नहीं होती, जैसे शुगर पेशेंट्स की चाय-कॉफी को मीठा करने वाला शुगर-फ्री पाउडर होता है न, ठीक वैसे ही। जब ये पत्तियाँ खाने वाले पान की तरह चबायी जाती हैं तो इनके रस में उपस्थित रसायन जीभ पर बिछी स्वाद कलिकाओं यानी टेस्ट बड्स की ऊपरी परत पर उपस्थित शुगर-रिसेप्टर्स को ब्लॉक कर देते हैं। बस फिर आधे-एक घण्टे तक इन पत्तियों को चबाने वाले को किसी भी मीठी चीज का स्वाद बिल्कुल नहीं आयेगा। आप चाहे उसे रसगुल्ला खिलायें या मोहनभोग, खीर-कदम या चमचम, वह खाकर कहेगा सब मिट्टी है। वहीं दूसरी ओर अन्य सभी स्वाद यथा नमकीन, कड़वा, तीखा, खट्टा सब का पता जीभ सामान्य रूप से लगाती रहेगी। चूँकि दूसरे स्वादों से सम्बन्धित रिसेप्टर्स तो सुचारू रूप से अपना कार्य करते रहेंगे। है न जादू!

विभिन्न शोध बताते हैं कि इसके सेवन से शरीर में इंसुलिन का उत्पादन तेजी से होता है जो रक्तशर्करा का स्तर सामान्य बनाये रखता है। मधुमेह रोग से पीड़ित लोग यदि इन पत्तियों का सेवन सुबह खाली पेट करें तो पूरे दिन आसानी से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है चूँकि यह बूटी रक्त द्वारा शर्करा के आवश्यकता से अधिक अवशोषण को रोकने में भी मदद करती है।

No photo description available.

गुड़मार के उपयोग से अनेक अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ और योग गुरु बाबा रामदेव के अनुसार औषधीय गुणों से भरपूर गुड़मार की पत्तियों का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में प्राचीनकाल से कई रोगों के उपचार में किया जा रहा है। इसका सेवन करने से न केवल कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है अपितु लीवर यानी यकृत/जिगर भी स्वस्थ रहता है, साथ ही रक्तचाप यानी बीपी भी सामान्य रहता है।

यह बूटी मलेरिया और सर्पदंश के इलाज में भी उपयोगी है। इनके उपचार के लिए बनने वाली दवाओं में गुड़मार की पत्तियों का अर्क निश्चित रूप से मिलाया जाता है।

महिलाओं के लिए भी इसका सेवन बहुत लाभदायक सिद्ध होता है चूँकि यह महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन को ठीक करके पीसीओडी की समस्या का समाधान करता है। इसका सेवन करने से शरीर का वजन अनियंत्रित नहीं हो पाता, त्वचा स्वस्थ, चमकदार बनती है। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई हो जाया करता है, वे भी इन पत्तियों का सेवन करके स्वास्थ्यलाभ ले सकते हैं। और हाँ, गठिया के दर्द का भी बेहतरीन उपचार है गुड़मार। च्यवनप्राश जैसी ऊर्जावर्धक और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं के संघटकों में भी यह शामिल रहता है।

यह गुड़मार वनस्पति भारत, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के उष्णकटिबंधीय वनों में पायी जाती है और इसका वैज्ञानिक नाम है, जिमनेमा सिल्वेस्ट्रेGymnema sylvestre)। यह सदाबहार (Vinca) के कुल यानी एपोसायनेसी का सदस्य है।

सिक्के के दूसरे पहलू की तरह गुड़मार के अविवेकी सेवन से कुछ नुक़सान भी हो सकते हैं। जैसे कि गुड़मार रक्तशर्करा को कम करने में बेहद प्रभावी है इसलिए ब्लडशुगर को कम करने वाली अन्य दवाओं के साथ इसका प्रयोग असुरक्षित हो सकता है क्योंकि इस तरह रक्तशर्करा का स्तर जरूरत से ज्यादा नीचे जा सकता है और रोगी या सेवन करने वाला अचेत होकर गिर सकता है। साथ ही अधिक मात्रा में इसकी मीठी पत्तियों का सेवन कर लेने से सिरदर्द, मतली और चक्कर आना जैसे दुष्प्रभाव दिख सकते हैं।

जिन लोगों को मिल्कवीड यानी ऐसे पौधे जिनसे दूधिया रस निकलता है, से एलर्जी हो, उन लोगों को भी इसके उपयोग से बचना चाहिए।
(जानकारी अगर अच्छी लगी हो तो लाइक कमेंट और शेयर द्वारा मेरा उत्साहवर्धन कीजिएगा ताकि और भी ऐसी अनोखी जानकारियाँ आपके लिए लेकर आती रहूँ।)

______𝓝𝓮𝓮𝓵𝓪𝓶 𝓢𝓸𝓾𝓻𝓪𝓫𝓱____________

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *