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अग्निवीरों पर राजनैतिक दलों के नेताओं के बयान और प्रतिक्रियाएं

 

भारत में सैन्य बलों की अल्पकालिक भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर युवाओं के विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अपमानजनक बयान भी सामने आ रहे हैं।

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि अगर उन्हें पार्टी कार्यालय में सुरक्षा रखनी है तो वह किसी पूर्व ‘अग्निवीर’ को प्राथमिकता देंगे।

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाई गई ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भर्ती युवाओं को ‘अग्निवीर’ नाम दिया गया है।

विजयवर्गीय ने इंदौर के भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।

अपने बयान पर बवाल मचने के बाद विजयवर्गीय ने ट्वीट कर सफ़ाई दी कि अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे, सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वे जिस क्षेत्र में भी जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा, मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था।

इस बयान के लिए उनकी अपनी पार्टी के सांसद वरुण गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने उन पर निशाना साधा है।

वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा कि जिस महान सेना की वीर गाथाएं कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की ‘चौकीदारी’ करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक।

विजयवर्गीय के बयान पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि देश के युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो।

विजयवर्गीय के अलावा ​केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कथित तौर पर कहा है कि अग्निपथ के रंगरूटों को ‘ड्राइवर, इलेक्ट्रीशियन, धोबी और नाइयों के कौशल’ के साथ प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने आगे दावा किया कि उनका चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अग्निवीर ‘इन पदों के लिए सहायक’ होंगे।

उनकी इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सशस्त्र बल अब अग्निपथ भर्ती योजना के तहत देश के लिए कुशल श्रम जैसे ड्राइवर, इलेक्ट्रीशियन आदि के लिए एक प्रशिक्षण मैदान होगा, एक नई उपलब्धि का पता चला।

केंद्रीय मंत्री एवं सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा कि कोविड-19 के कारण दो साल तक कोई भर्ती नहीं हुई, सरकार ने कहा कि अग्निपथ योजना के लिए 17.5 साल से लेकर 21 साल तक की उम्रसीमा को बढ़ाकर अब 23 साल कर दिया गया है, जिसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति मिस करता है तो इन दो सालों में वह इस योजना के लिए योग्य होगा।

सिं​ह ने कहा कि आप बसें जला रहे हो, ट्रेन जला रहे हो, किसी ने आपको बोला है कि हम आपको फौज में लेंगे, पहले तो आप हमारे मापदंडों पर खरे उतरो न, उसके बाद हम आपको फौज में लेंगे।

​वीके सिंह के इस बयान पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपनी रिटायरमेंट टालने के लिए 62 की उम्र में अदालत चला गया वो आज युवाओं को 23 की उम्र में रिटायर होने के लिए सलाह दे रहा है।

कांग्रेस ने कैलाश विजयवर्गीय की टिप्पणी को लेकर निशाना साधा और कहा कि अब ‘हमें समझ आया’ 2019 में ‘मैं भी चौकीदार’ आंदोलन शुरू करने से भाजपा का तात्पर्य क्या था।

आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के महासचिव सैनिकों का अपमान कर रहे हैं, अग्निवीर भाजपा कार्यालय के बाहर चौकीदार बनेंगे! श्रीमान मोदी हम इसी मानसिकता से डरे हुए थे, बेशर्म सरकार।

तृणमूल और माकपा ने विजयवर्गीय के अग्निवीर संबंधी बयान की निंदा की।

तृणमूल कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भाजपा के कार्यालय में सुरक्षा बलों की भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने संबंधी बयान को लेकर कैलाश विजयवर्गीय की निंदा करते हुए कहा कि उनका बयान देश के सैनिकों की ‘बहादुरी का अपमान’ है।

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि विजयवर्गीय ने देश के महत्वाकांक्षी युवा सैन्य कर्मियों का अपमान किया है और देश की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों की वीरता का अनादर किया है।