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अगले बीस सालों में दुनिया कैसा रंग रूप लेगी और किस ओर जायेगी, इन सात बातों पर दुनिया के रुख़ से पता चलेगा!

ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी सीएसआईआरओ ने दो दशकों में दुनिया के लिए मेगाट्रेंड की सूची बनाई है. अगले बीस सालों में दुनिया कैसा रंग रूप लेगी और किस ओर जायेगी यह इन सात बातों पर दुनिया के रुख से पता चलेगा.

जलवायु परिवर्तन के साथ अनुकूलन
जलवायु में बदलाव के साथ रोजगार, बुनियादी ढांचा और लोगों की जीवन के गुणवत्ता की सुरक्षा कितनी बेहतर रहती है इससे तय होगा हमारा भविष्य. निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन आने वाले दशकों में इंसान के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा.

इंसान के विविध आयामों का ताला खोलना
विविधता, साझेदारी, कारोबार में पारदर्शिता, नीतियां और सामुदायिक स्तर पर निर्णय हमारे भविष्य में अहम भूमिका निभायेंगे. इंसानों को एक दूसरे की अहमियत समझनी होगी और उनकी क्षमताओं का सदुपयोग करना होगा. सामुदायिकता जरूरी शर्त होगी.

हल्का, स्वच्छ और हरित
उत्सर्जन को नेट जीरो से आगे ले जाने की तरफ दुनिया के बढ़ते कदम, संसाधनों का कुशलता से इस्तेमाल और जैव विविधता की रक्षा भी भविष्य को बेहतर बनाने के लिए जरूरी होगी. धरती के संसाधन सिर्फ इंसान के लिये नहीं हैं यह सबको समझना होगा.

स्वचालित होगा सबकुछ
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उदय और सभी तरह के उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक स्वचालित तंत्र विकास भी अगले दशकों में बड़ी भूमिका निभायेगा. सिर्फ कारें ही नहीं ऑटोमेशन जीवन के और दूसरे क्षेत्रों में भी बड़े बदलाव लायेगा.


स्वास्थ्य को लेकर बढ़ता दबाव
बढ़ती मांग, बुजुर्ग होती आबादी, उभरती बीमारियां और हानिकारक जीवनशैली के आगे स्वस्थ और सेहतमंद जीवन को बढ़ावा देना होगा तभी भविष्य सुरक्षित होगा. कोरोना की महामारी ने पहले ही दुनिया को आगार कर दिया है और स्वस्थ रहने की चुनौती बनी रहेगी.

डिजिटल क्रांति
दुनिया के देशों को डिजिटल होने और डाटा इकोनॉमी की तरफ तेजी से बढ़ाना होगा, अगले कुछ दशकों तक दुनिया का भविष्य इस पर भी बहुत निर्भर होगा. डिजिटल क्रांति का सिर्फ नारा ही नहीं उसे जीवन के कई क्षेत्रों में जमीन पर उतारना होगा.

भूराजनीतिक बदलाव
वैश्विक स्थिरता, कारोबार और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए कोशिशें बढ़ानी होंगी और आने वाले दो दशकों में इसका व्यापक असर होगा. युद्ध, कलह से किसी का फायदा नहीं यह समझना होगा और आर्थिक विकास जरूरी होगा.