शिवसेना (यूबीटी) ने सोमवार को दावा किया कि भारत में वैगनर समूह अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए बैलेट बॉक्स के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल कर देगा। पिछले हफ्ते एक नाटकीय घटनाक्रम में इस समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन ने सशस्त्र विद्रोह का आह्वान किया था और दावा किया था कि उनके बलों के पास रूस के दक्षिणी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में नियंत्रण की सैन्य सुविधाएं हैं। इसने राजधानी मॉस्को की ओर कूच भी शुरू कर दिया था।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विद्रोह को विश्वासघात और देशद्रोह का काम बताया। बाद में प्रिगोजिन ने कहा कि उन्होंने अपने भाड़े के सैनिकों को मास्को जाने से रोक दिया और यूक्रेन में अपने क्षेत्रीय शिविरों में वापस जाने का आदेश दिया। यह कदम उन्होंने बेलारूस के राष्ट्रपति के साथ बातचीत के बाद उठाया।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में वैगनर समूह के ‘रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ विद्रोह’ और पिछले सप्ताह पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बीच तुलना की गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में शुक्रवार को पटना में एक दर्जन से ज्यादा विपक्षी दलों के 32 से अधिक नेताओं ने एक महत्वपूर्ण बैठक की और 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने का संकल्प लिया।
‘मोदी हों या पुतिन..विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है’
सामना के संपादकीय में कहा गया है कि वैगनर समूह ने दिखाया है कि तानाशाही को चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने कहा, मोदी हों या पुतिन, उन्हें विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है। भारत में सरकार को एक अहिंसक वैगनर द्वारा उखाड़ फेंका जाएगा और यह रास्ता बैलेट बॉक्स के माध्यम से होगा। संपादकीय में कहा गया है कि पुतिन की तरह मोदी को भी जाना होगा, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से।
‘ईवीएम घोटाला हुआ देशभर में हो जाएगी मणिपुर जैसी स्थिति’
मराठी दैनिक ने पिछले सप्ताह बिहार की राजधानी में विपक्षी दलों के सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा, ‘वैगनर समूह लोकतंत्र के रक्षक के रूप में पटना में एक साथ आया। पार्टी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) 2024 में परिणाम तय नहीं करेगी, बल्कि लोग करेंगे।’ संपादकीय में दावा किया गया है कि अगर ईवीएम में घोटाला होता है तो देश में मणिपुर जैसी स्थिति हो जाएगी।