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अंतर्राष्ट्रीय अदालत में नस्ली सफ़ाए का मुद्दा उठाए जाने से घबराया इस्राईल, कूटनयिकों को दिए ख़ास निर्देश!

नस्ली सफ़ाए का मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय अदालत में पेश कर दिए जाने के बाद ज़ायोनी शासन की चिंता बढ़ गई है और उसने अपने कूटनयिकों को निर्देश दिए हैं कि वे इस विषय का असर कम करने के लिए अभी से बहसें शुरू कर दें।

एक्सियस वेबसाइट ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें वेबसाइट ने कहा है कि उसने इस्राईली दूतावासों को बेजे गए पैग़ाम की कापी हासिल कर ली है जिसमें इस्राईली कूटनयिकों को निर्देश दिया गया है कि वे अंतर्राष्ट्रीय अदालत में दक्षिणी अफ़्रीक़ा के ज़रिए उठाए गए नस्लीय सफ़ाए के मुद्दे के ख़िलाफ़ बयान दें।

इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत की तरफ़ से इस्राईल के लिए ग़ज़ा युद्ध रोकने का आदेश जारी होने की संभावना है और इस्राईल को डर है कि अगर अदालत से इस तरह का फ़ैसला आया तो उसके आर्थिक, कूटनैतिक और राजनैतिक दुष्परिणाम इस्राईल को झेलने होंगे।

दक्षिणी अफ़्रीक़ा की ओर से अदालत में दी गई याचिका में कहा गया है कि इस्राईल जो कुछ ग़ज़ा में कर रहा है वह 1948 के नस्ली सफ़ाए के समझौते का हनन है।

ज़ायोनी शासन ने इस मसले पर तत्काल अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है लेकिन वह इस मामले में अदालत में अपना पक्ष रखेगा और उसकी ओर से इस मामले की पैरवी ब्रितानी वकील मैलकम शा करेंगे।

दक्षिणी अफ़्रीक़ा ने अदालत से कहा है कि वह तत्काल आदेश जारी करके इस्राईल को ग़ज़ा पर हमले बंद करने के लिए कहे।

इस्राईल ने कूटनयिकों को जो निर्देश जारी किए हैं उनका मक़सद यह है कि अदालत को इस बात पर तैयार किया जाए कि कोई न्यायिक फ़ैसला न सुनाए और इस बात का एलान न करे कि ज़ायोनी शासन ग़ज़ा पट्टी में नस्ली सफ़ाया कर रहा है।

इस्राईली कूटनयिकों से कहा गया है कि व जिस देश में तैनात हैं वहां यह बहस करें कि इस्राईल अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के अनुसार सैनिक आप्रेशन कर रहा है।

कूटनयिकों से कहा गया है कि वे ग़ज़ा में मानवीय सहायता भेजे जाने का मुद्दा उठाएं और कहें कि इस्राईल ग़ज़ा में नस्ली सफ़ाया नहीं कर रहा है।

कूटनयिकों से कहा गया है कि वे इस तरह के बयान दें कि ग़ज़ा में मानवीय सहायता की सप्लाई बढ़ाई जा रही है, आम नागरिकों को पहुंचने वाला नुक़सान कम किया जा रहा है और इस्राईल सब कुछ आत्म रक्ष के तौर पर कर रहा है।

ज़ायोनी प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू भी दुनिया के कई देशों के नेताओं को इसी प्रकार के संदेश भेजने वाले हैं।