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अंग्रेज़ी राज के गुलाम देशों के कॉमनवेल्थ खेलों में 67 गोल्ड के साथ ऑस्ट्रेलिया टॉप पर रहा, भारत चौथे नंबर पर : भारत का ओवरऑल प्रदर्शन देखिये

67 गोल्ड के साथ ऑस्ट्रेलिया टॉप पर रहा, उसके बाद ब्रिटेन, कनाडा और चौथे नंबर पर भारत रहा. एक नजर डालते हैं उन खिलाड़ियों पर जिन्होंने भारत को गोल्ड दिलाया.

भारत का ओवरऑल प्रदर्शन

11 दिनों तक बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन हुआ. मेडलों का टैली में कुल 61 मेडल जीत कर भारत चौथे स्थान पर रहा. इसके अलावा देश को 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल भी मिले.

पीवी सिंधु, महिलाओं का एकल मुकाबला, बैडमिंटन
भारत को बैडमिंटन के खेल में बड़ी सफलता मिली. विश्व की नंबर सात खिलाड़ी पीवी सिंधु ने महिला बैडमिंटन का एकल मुकाबला जीत कर भारत को गोल्ड दिलाया.

लक्ष्य सेन, पुरुषों का एकल मुकाबला, बैडमिंटन
लक्ष्य सेन ने पुरुषों के एकल मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता. इसके पहले भी उन्होंने देश की उम्मीदें काफी बढ़ा दी थीं जब मार्च में वह ऑल इंग्लैंड ओपेन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे थे.


सात्विक साइराज रानकिरेड्डी/चिराग शेट्टी, पुरुषों का बैडमिंटन डबल्स
इसी साल बैंकॉक में शानदार प्रदर्शन कर थॉमस कप का युगल खिताब जीतने वाली इस भारतीय जोड़ी ने कॉमनवेल्थ खेलों में भी भारत को गोल्ड जिताया. थॉमस कप के सिंगल मुकाबलों में लक्ष्य सेन ने भी बेहतरीन खेल दिखाया था.

अचंता शरद कमल, पुरुषों का एकल मुकाबला, टेबिल टेनिस
भारत के शरद कमल ने मेजबान इंग्लैंड के लियाम पिचफोर्ड को 4-1 से हरा कर देश को गोल्ड मेडल दिलाया. जीतने के बाद शरद ने कहा, “मेरे 40 साल के जीवन में ये दो हफ्ते सबसे शानदान रहे.” कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होंने कुल तीन गोल्ड और एक सिल्वर जीता.

अचिंता शिउली, भारोत्तोलन
पश्चिम बंगाल के हावड़ा से आने वाले अचिंता शिउली ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 में स्वर्ण पदक जीता. केवल 12 साल की उम्र में पिता के निधन के बाद खर्च चलाने के लिए सिलाई-कढ़ाई का काम करने वाले शिउली का बचपन बहुत गरीबी और मुश्किलों में बीता.

मीराबाई चानू, भारोत्तोलन
महिलाओं की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में 49 किलो श्रेणी में भारत को पहला गोल्ड दिला कर चानू ने बर्मिंघम खेलों की टैली में भारत के गोल्ड का खाता खोला और नया रिकॉर्ड बनाया. कॉमनवेल्थ खेलों में यह उनका लगातार तीसरा गोल्ड था.

भारतीय हॉकी टीम, सिल्वर
हॉकी में पिछले छह बार से चैंपियन रही ऑस्ट्रेलिया की टीम ने भारतीय हॉकी टीम को फाइनल में 7-0 से धूल चटाई. ऑस्ट्रेलिया ने कुल 67 गोल्ड जीते और भारत को 16 सिल्वर मेडल मिले. ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान ऐरन जेलेवस्की ने कहा कॉमनवेल्थ खेल में जीतना “जितना सोचा जाता है उससे ज्यादा कठिन होता है.”

टॉप पर कभी नहीं लेकिन काफी करीब आ चुका है भारत
कॉमनवेल्थ के इतिहास में इस सीजन में भारत का पांचवां सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस रहा. 2010 में भारत की मेजबानी में दिल्ली में हुए खेलों में भारत ने अब तक के सबसे ज्यादा 101 मेडल जीते थे और पदक तालिका में दूसरे नंबर पर रहा था.

करीब आ रही है 100वीं वर्षगांठ
अगले कॉमनवेल्थ मुकाबले कनाडा के विक्टोरिया में होंगे. और उसके बाद कनाडा के ही हैमिल्टन में 2030 में कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन होगा. वह आयोजन बेहद खास होगा क्योंकि 100 साल पहले वहीं से इस मल्टीस्पोर्ट इवेंट की शुरुआत हुई थी. देखते हैं कि तब तक मुकाबले में क्रिकेट को भी शामिल करवाने की कोशिशें क्या रंग लाती हैं.