prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲
@profapm
प्रायः अब मैं न मूर्खतापूर्ण विवाद में पड़ता हूँ और न बेवकूफों को जवाब देता हूँ
पर जो बार-बार पूछ रहे हैं ‘सृष्टि कौन शक्ति चला रही है उनको उत्तर:
1. आकाशगंगाओं का न कोई समान आकार है और न दिशा – वे विभिन्न आकार की विभिन्न तरह की हैं और ब्रह्मांड में कहीं भी भाग और एक-दूसरे से टकरा रही हैं – अपनी आकाशगंगा भी दूसरी आकाशगंगा से अभी टकरा रही है
2. आकाशगंगाओं की गति ब्रह्मांड में विस्फोट से पैदा हुई है – और विस्फोट मैटर के अतिसंघनत्व के कारण हुआ था – वैज्ञानिकों ने बहुत कम मात्रा में मैटर का संघनत्व करके विस्फोट कर ब्रह्मांड के निर्माण खा सफल प्रयोग वर्षों पहले कर लिया है – ब्रह्मांड की सृष्टि कम-से-कम किसी ईश्वर ने नहीं ही की है।
3. सृष्टि भौतिक विज्ञान के नियमों से संचालित है और विज्ञान शब्द की खोज भी मनुष्य की ही की हुई है – विस्फोट से गति और गति से गुरुत्वाकर्षण तथा चुम्बकत्व पैदा हुए जिनसे आकाशगंगाओं के भीतर सौरमंडल और सौरमंडल के भीतर ग्रह-उपग्रह बंधे हुए हैं
4. पृथ्वी पर जीवन थिया ग्रह के धरती से टकराने से पैदा हुआ, टक्कर से तीनों चंद्रमा पैदा हुए, थिया के पृथ्वी के केंद्र में जाने से लोहा बना, जिसने चुम्बकत्व पैदा किया, जिससे पृथ्वी को सुरक्षाकवच मिला – चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण ने जीवन को पैदा किया
5. सौरमंडल में जो गुरुत्वाकर्षण पैदा हुआ उसके कारण सही ग्रह उपग्रह अपनी कक्षा में स्थापित और नियंत्रित हुए और पृथ्वी की तरह का ही एक सुरक्षाकवच सौरमंडल में बना जिसके कारण ब्रह्मांड में कहीं से कुछ भी सौरमंडल में नहीं घुस सकता।
6. यह सारा विधान सूर्य का जुड़वां भाई नष्ट कर सकता है क्योंकि उसका भ्रमण-मार्ग बदलता रहता है।