उत्तर प्रदेश राज्य

महोबा : क़र्ज़ से परेशान किसान की मौत : महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी का शव फंदे से लटका मिला!

महोबा। उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी का शव फंदे से लटका मिला है। फोन भी बंद मिला है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के अनुसार, कोतवाली कुलपहाड़ के सीएचसी बेलाताल में तैनात महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) ने सोमवार की दोपहर फंदा लगाकर जान दे दी। उनका शव किराये के कमरे में फंदे पर लटकता मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना कर मोबाइल कब्जे में लिया है।

जनपद हमीरपुर के मौदहा थाना क्षेत्र के सिसोलर गांव निवासी आकांक्षा (30) कस्बा बेलाताल के मोहल्ला बजरिया में किराये के मकान में रहती थी। वह सीएचसी जैतपुर में सीएचओ के पद पर तैनात थी। दोपहर तक जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसियों को आशंका हुई।

खिड़की से झांककर देखा तो उनका शव दुपट्टे के फंदे पर लटकता मिला। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लिया है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. आशीष तिवारी ने बताया कि आकांक्षा सीएचसी जैतपुर में अप्रैल 2022 से सीएचओ के पद पर तैनात थीं। कमरे में मिले स्विच ऑफ मोबाइल को पुलिस ने कब्जे में लेकर परिजनों को सूचना दी है।

Female community health officer committed suicide She posted at CHC in Mahoba

महिला ने फंदा लगाकर दी जान
एक अन्य घटना महोबा के कोतवाली चरखारी के कनेरा गांव में हुई। यहां एक महिला ने फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है। कनेरा निवासी रामखिलावन की पत्नी निशा (28) सोमवार की सुबह घर पर अकेली थी जबकि परिजन किसी काम से घर से बाहर गए थे। तभी सूने घर में निशा ने कमरे में लगे टिनशेड के नीचे से निकली लकड़ी की बल्ली के सहारे रस्सी का फंदा लगा लिया। इससे उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद शव को फंदे से नीचे उतारा गया। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। उधर, कोतवाली प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कर्ज से परेशान किसान की मौत
महोबा के ही विकासखंड कबरई के बिलखी गांव में फसल की कम पैदावार और बैंक की कर्ज अदायगी की चिंता में किसान की सदमे से मौत हो गई।
बिलखी गांव निवासी रामकिशोर राजपूत (70) बारह बीघा भूमि में खेती करके परिवार का भरण-पोषण करते थे। उसने दो साल पहले आर्यावर्त बैंक से डेढ़ लाख का कर्ज लिया था। इस बार बारिश कम होने से गेहूं व सरसों की फसल की पैदावार बेहतर नहीं हुई। रविवार की रात सीने में दर्द हुआ परिजन उसे अस्पताल ले जाने लगे लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। भाई इंद्रपाल राजपूत ने बताया कि फसल में कम पैदावार होने से बैंक का कर्ज चुकाना मुश्किल हो रहा था। वह रोजाना इसकी चर्चा करते थे।