prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲
@profapm
✨मूल निवासी कोई नहीं है – 75000 साल से आकर लोग बसते गए
👉सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग भी आर्मेनिया से आए थे
आर्यों ने घुसते हुए उन्हें ही नष्ट किया
👉आर्य उत्तरी रूस के मैदानों से आए थे दो समूहों में – एक को पूर्वी और दूसरे को पश्चिमी कहते हैं – दोनों के आगमन में हज़ार साल का अंतराल है
👉भारत के आज के तथाकथित आदिवासी ऑस्ट्रेलियाई, चीनी-तिब्बती और अफ्रीकी मूल के हैं – यहाँ तक कि अंडमान के आदिम आदिवासी भी
👉शूद्र आर्यों का चौथा वर्ण है – वर्ण होने के कारण ही सवर्ण और हिन्दू है
👉हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद आक्रांता हूण छोटे-छोटे समूहों में भारत मेें घुसे और छोटी-छोटी रियायतें कायम कीं राजस्थान में और राजपूत कहलाने लगे
*****
✨अगर संक्षेप में प्रागैतिहासिक भारत के इतिहास को देखा जाए तो पुरातात्विक वीएन मिश्र के अनुसार:
https://ias.ac.in/article/fulltext/jbsc/026/04/0491-0531
👉लगभग 75000 साल पहले अफ्रीकन कबीलों ने दक्षिण भारत पर उपनिवेश कायम किया
👉लगभग 50000 साल पहले ऑस्ट्रेलियाई कबीलों ने पूर्वी भारत पर उपनिवेश बनाया
👉लगभग 25000 साल पहले मंगोल कबीलों ने पूर्वोत्तर पर उपनिवेश स्थापित किया
👉लगभग 10000 साल पहले आर्मेनियन-सुमेरियन कबीलों का उपनिवेश पश्चिमी भारत में बना और लगभग 5000 साल पहले असीरियन कबीलों ने आर्मेनियन कबीलों का अंत कर अपना उपनिवेश बनाया
1. शूद्र मूलनिवासी नहीं हैं – शूद्र आर्य हैं और सवर्ण हैं, वर्णसहित चौथा वर्ण
2. जातियों का निर्माण सभी देशों सभी सभ्यताओं में हुआ और उद्योग धंधों के आधार पर जातियां बनीं
3. परिवार के उद्योग को चलाने के लिए ये जन्म आधारित हो गईं
4. भारत मेें कोई मूलनिवासी नहीं है, सभी आदिवासी अफ्रीकी, मंगोल या ऑस्ट्रेलियाई हैं
5. मेहनत के आधार पर ऊंच-नीच का विभाजन हुआ
6. कोई मूलनिवासी नहीें है – सभी आप्रवासी आततायी आक्रमणकारी लुटेरे हैं
Gurpreet Garry Walia
@garrywalia_
कुणाल कामरा का प्लान क्या होगा कामयाब ?
कुणाल कामरा विवाद गरमाता जा रहा है . जिस तरह से विवाद गरमाया है अब कुणाल कामरा का प्लान ये है
सूत्रो की माने तो कुणाल कामरा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कुणाल कामरा मद्रास हाईकोर्ट पहुंचे है . उन्होंने हाईकोर्ट में अपने ख़िलाफ़ दर्ज़ FIR में ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की है अब देखते है इस मामले क्या ऑर्डर आयेगा
Wasim Akram Tyagi
@WasimAkramTyagi
शिमला स्थित एक निजी स्कूल ने सोमवार को ईद मिलन समारोह करने की घोषणा की थी। इस ख़बर के प्रकाश में आते ही हिंदूवादी दक्षिणपंथी गैंग ने स्कूल के खिलाफ हंगामा कर दिया। अब स्कूल प्रशासन ने ईद सेलिब्रेशन का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। यह मनहूसियत नहीं तो क्या है? यह मनहूसियत दूसरों की खुशी, उनके त्योहारों पर भी पाबंदियां लगाना चाहते हैं! इस मनहूसियत का अगर उचित इलाज नहीं किया गया तो कल इस देश में कमज़ोर वर्ग अपने त्योहार भी नहीं मना पाएंगे।
Akhilesh Yadav
@yadavakhilesh
भाजपाई विदेश नीति में ही नाकाम नहीं हैं बल्कि विदेश में की जानेवाली अपनी नकारात्मक राजनीति में भी असफल हैं।
विदेश की धरती पर आज देश की एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी का विरोध करेनवाले असामाजिक तत्व, जिस संकुचित सोच का प्रदर्शन कर रहे हैं, उनसे उनकी अपनी, उनकी अपनी पार्टी और विचारधारा की संकीर्णता का दुनिया के सामने भंडाफोड़ हो गया है। ये एक गलत परंपरा की शुरुआत है जिसकी विषबेल कलको उन्हीं के लिए घातक साबित होगी, जो इसको रोप रहे हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को गहरा धक्का लगा है।
निंदनीय और दंडनीय!
All India Muslim Personal Law Board
@AIMPLB_Official
आज रमज़ान के आखरी जुमा यानी जुमा-तुल-विदा के दिन करोड़ों भारतीय मुसलमानों ने अपने हाथ पर काली पट्टी बांधकर Waqf Amendment Bill 2024 के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया। मुसलमान इस बिल को REJECT करते हैं!
हम सरकार से मांग करते हैं की वह इस असंवैधानिक वक्फ़ संशोधन बिल को तुरंत वापस लें!
Maulana Fazlurrahim Mujaddidi
Kranti Kumar
@KraantiKumar
ईरान में चावल को बिरिंज कहते हैं. बिरिंज में मांस मिलते ही बिरयानी बन गया.
बिरयानी हवा में उड़कर भारत नही आई. मुग़ल अपने साथ वास्तुकला संस्कृति, भाषा संस्कृति और भोजन संस्कृति भारत लेकर आए.
मुग़ल भोजन संस्कृति के पिटारे में बिरयानी भी थी. वेज बिरयानी नाम की कोई चीज नही है. वेज बिरयानी एक धोखा है. वो पुलाव है.
असली बिरयानी वही है जिसमें मांस हो. बिरयानी कोई बहुत प्रसिद्ध या लाजवाब भोजन नही था. ना ही शाही भोजन था.
बिरयानी दरअसल मुग़ल सैनिकों का भोजन था. चावल में मांस मिलाकर इसे आसानी से पकाया जा सकता था. मुग़ल सैनिक केवल चावल लेकर चलते थे. जिन इलाकों को जीतते वहां के पशुओं को काटकर चावल में मिलाकर बिरयानी बना लेते.
बिरयानी खा खा कर मुग़लों ने भारत पर 200 सालों तक शासन किया. बुलंद दरवाजा, ताज महल और लाल किला बनाया.
बिरयानी का नशा भारतीयों को भी लग लग गया. अब तो बिरयानी झटपट नही, आराम से, ढेर सारे मसालों के साथ कम आंच पर धीरे धीरे पकाई जाती है.
बच्चों को मिडडे मिल में मटन बिरयानी खिलाना अनिवार्य करना चाहिए. पश्चिम में पाकिस्तान और पूरब में चीन से लड़ने के लिए मटन बिरयानी खाना जरूरी है.
Sadaf Afreen صدف
@s_afreen7
यूपी के सम्भल की तस्वीर है ये!
अलविदा जुमा में लोग छत पर नमाज़ न पढ़े, इसलिए ड्रोन से निगरानी की जा रही है!
जिस तरह सरस्वती पूजा, गणेश पूजा, दुर्गा पूजा में हर तरफ पंडाल लगाया जाता है, काफी भीड़ होती है, कई दिनों तक रोड जाम रहता है!
इसमें पुलिस व सरकार इंतेज़ाम करवाती है!
किसी को पूजा करने से रोकती नहीं है!
यहां तक कांवड़ यात्रियों पर फूल बरसाया जाता है!
यही बात आप ईद के टाइम क्यों नहीं करते??
थोड़ा इंतेज़ाम करवा देते, 5 मिनट का नमाज़ ही तो है!
पर नफरत का दौर है!
यहां मौका ढूंढा जाता है कि मुसलमान को कैसे प्रताड़ित करें!
Manish Singh
@RebornManish
बाबर ने लिखा है..
कि उसे राणा सांगा ने आमंत्रित किया था। यह समझौता दो लोगो के बीच हुआ। फिर टूट गया, तो आपस मे युद्ध हुआ।
इसमे जो फाइनली जीता, वह बता रहा है पूरा घटनाक्रम। बकायदे अपनी जीवनी मे। और जो हार गया, वह बहानेबाजी कर रहा है।
करेगा ही।
मेवाड़ के इतिहास में इस बात को गा-गाकर आखिर क्यों ही लिखा जाएगा?? क्या ही तुक होगा ऐसी बात लिखने का??
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लिखा अवश्य जाता।
अगर सांगा जीत जाते।
फिर वे लिखते की चाणक्य नीति, और कूटनीति से लबरेज, ग्रेट महाराणा सांगा ने कांटे से काँटा निकाला था।
वे जानते थे, दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। तो उन्होंने उत्तर के एक छोटे मोटे बाबर नाम के प्राणी से, दिल्ली के बादशाह इब्राहिम लोधी को उलझा दिया। उधर वो जब पानीपत में लड़ रहे थे, सांगा ने आगरा और मथुरा जीत लिया।
और फिर बाबर को हराकर दिल्ली जीत ली। और पूरे उत्तर भारत से काबुल तक अपना राज्य फैला लिया।
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400 साल से चली आ रही दिल्ली सल्तनत को हटाकर वापस राजपूतों का युग शुरू करने वाले राणा संग्राम सिंह उर्फ सांगा का यह मास्टरस्ट्रोक इतिहास की नजीर बन जाता।
लेकिन इस योजना का दूसरा भाग भसक गया। बल्कि इसे देशभक्ति और देशद्रोह की बहस का पॉइंट बना लिया गया।
पूरे 600 साल बाद।
उनके नए समर्थंक पैदा हो गए है, जो साबित करने में लगे है कि ऐसा कोई बुलावा नही भेजा था।
●●
अरे भाई, दो लोगो के बीच समझौता हुआ। वही बता सकते है। हम आप कौन?
बाबर सांगा का नाम ही क्यो लिखता है? वह लोधियों के तमाम रेबल्स, ममलूको, सय्यदों, खलिजयो या काबुल से राजपूताने बीच फैले पंजाब के गर्वनर, या..
मारवाड़, आमेर, बीकानेर, कोटा, बूंदी के राजपूतों या फिर शेष भारत के राजे महाराजे का नाम काहे नही लेता??
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इतने विकल्प में से वह सिर्फ मेवाड़ वाले सांगा का ही नाम काहे लिया??
एक्सप्लेनेशन यही है कि उसने राणा सांगा को बदनाम करने के लिए जार्ज सोरोस से फंड लिया था।
बाबर वामपन्थी था, खान्ग्रेसी था, मुल्ला था। और सांगा दक्षिणपन्थी, भजपाई, बजरंग दली, करणी सेना का मेम्बर और प्रचण्ड हिन्दू था। बाबर किताब लिख लिखकर, संघी सांगा को ट्रोल कर रहा था।
मुझे लगता है, कि सच को सामने लाने के लिए, बाबर के ठिकानों पर ED के छापे की दरकार है।
Rahul Gandhi
@RahulGandhi
Across India our youth are falling prey to drugs. India has 2.3 crore opioid and almost 1 crore inhalant users – more than the entire population of Haryana. The government seems unwilling or unable to address this devastating crisis that threatens to destroy an entire generation.
While fighting soaring drug-related crimes is urgent, we must also tackle the root economic, social, and mental health related factors driving our youth towards drugs – such as unemployment, hopelessness and societal pressure to conform.
I met a delegation of doctors and influencers today from Kerala, where the drug menace is poisoning thousands of young people – leading to a rise in crime, medical emergencies and mental health issues. They talked to me about the immediate need for awareness campaigns, de-addiction centres and counsellors to tackle the increasing drug problem in the state.
It is imperative that we work together as a society to address this epidemic, before it destroys even more lives.
Rajesh Sahu
@askrajeshsahu
बरेली की एक खबर इंसानियत से भरोसा उठाती। कल रात में एक पिता अपनी 15 साल की बेटी के साथ ट्रेन के जरिए जा रहे थे। बरेली सिटी स्टेशन पर वह पानी लेने के लिए उतरे। ट्रेन चल दी तो वह चढ़ नहीं पाए। बेटी परेशान हुई। वह किसी तरह से ट्रेन से कूद गई। रात हो गई थी। उसने वहीं एक व्यक्ति को अपनी समस्या बताई।
व्यक्ति ने मदद करने के बजाय उसके साथ रेप किया। बच्ची बदहवाश हो गई। खून से लथपथ। किसी तरह से सिटी स्टेशन पहुंची। जीआरपीएफ के होश उड़ गए। किसी तरह से हॉस्पिटल लेकर गए। वहां एक ऑपरेशन हो चुका है, दूसरा होना बाकी है। हालत खराब है। पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
यह सब लिखते वक्त मन उस व्यक्ति के प्रति इतना क्रूर हो जाता है कि अगर उसे पत्थर से मारकर मार देने की भी सजा दी जाए तो लगेगा कि कम ही सजा मिली।
Amock_
@Amockx2022
Chandrababu Naidu praying Namaz
Just imagine the outrage from media it was Tejaswi, Akhilesh or Siddaramaiah.
another burnol moment for bhakts 🤣🤣
Gurpreet Garry Walia
@garrywalia_
कुछ सेकंड में 107 लोगो की मौत 😭👇
थाईलैंड और पड़ोसी म्यांमा में शुक्रवार दोपहर 7.7 तीव्रता का भूंकप महसूस किया गया.
म्यांमार में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या अब 107 हो गई है, जिनमें से 103 म्यांमार में हैं. थाईलैंड में चार लोगों की मौत और 50 से ज़्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. इसके अलावा, चीन में भी दो लोग घायल हुए हैं
मेरठ कि दो तस्वीर…
Manish Singh
@RebornManish
करणी सेना राजपूतों का सँगठन है।
याने कि राणा प्रताप, राणा सांगा, राणा कुम्भा, जयसिंह, मान सिंह, अमरसिंह, वगैरह आज जिंदा होते, तो करणी सेना के पदाधिकारी होते।
ये जो कर रहे है, वही वो कर रहे होते।
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यदि ऐसा ही है,
तब तो हमे समझने में कोई दिक्कत नही कि वो भारत, या अपने राज्यो की आजादी बचाने में नाकामयाब क्यो रहे।
क्यो घूम घूम कर पूरे इतिहास में पिट पिट कर भागते रहे।
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यही काम सावरकर और शिवाजी को एक साथ हीरो बनाने वाले सँगठन करते हैं। छत्रपति को माफीवीर के आसपास खड़ा करने से बड़ा अपमान क्या होगा भला।
शर्म आनी चाहिए ऐसे बेइज्जत, लमचोंच, हुड़दंगी, अराजक, हूलिगन्स टाइप लोगो को, सँगठन बनाकर ऐसी शख्सियतो को अपना आइकन बनाते हुए।
वे इनको अपने से जोड़कर, अपना म्यार नही उठाते। उनको अपने जैसा धूर्त, बेईमान, विद्वेषी, नाकाम और नकारा साबित करते हैं।
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जो राजपूत, और मराठी अपने ऐतिहासिक शख्सियतों की सचमुच इज्ज़त करते है,
उन्हें खुलकर इन संगठनों को रिजेक्ट करना चाहिए।
prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲
@profapm
सनद रहे
इतिहास गवाह
सावरकर-श्यामाप्रसाद-गोलवरकर का देशद्रोही गद्दार टुकड़े-टुकड़े गिरोह है संघ-भाजपा
prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲
@profapm
यह हिटलर के नात्सीवाद का नमूना है👇
👉यह सुरक्षा बलों का भगवाकरण है जिसे आप पुलिस वालों के बयानों में महसूस कर सकते हैं
✨यह तालिबान हिन्दू-राष्ट्र का आगाज है
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जब हिन्दू सड़क पर होली-दीवाली का हुड़दंग मचा सकते हैं तो मुसलमान नमाज क्यों नहीं पढ़ सकते?
क्या हिन्दू इतने गुंडे और लफंगे हैं कि मुसलमानों की सुरक्षा के मद्देनज़र सड़क पर नमाज न कर बचाव किया जा रहा है या प्रशासन सुरक्षा देने में नाकाम है शांति से सड़क पर नमाज पढ़ने पर?
मेरठ
🔥 सड़क पर नमाज प्रतिबंध पर फायर हुए जयंत चौधरी
🔹 “ऑरवेलियन-1984 की ओर जा रही है पुलिस कार्यशैली”
🔹 सरकारी तानाशाही से की यूपी पुलिसिंग की तुलना
🔹 मेरठ समेत यूपी में सड़क, छत पर नमाज पर प्रतिबंध
🔹 मेरठ पुलिस ने पासपोर्ट रद्द करने तक की चेतावनी दी
🔹 SP सिटी ने नमाज पढ़ने पर तय की कड़ी सजा
🔹 जयंत चौधरी ने उठाए सवाल, कहा- नागरिकों की स्वतंत्रता पर हमला
Wasim Akram Tyagi
@WasimAkramTyagi
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी करते हुए अमेरिकी मुस्लिम समुदाय के समर्थन के लिए आभार जताया है। ट्रंप ने कहा कि नवंबर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मुस्लिम-अमेरिकियों ने रिकॉर्ड संख्या में उन्हें समर्थन दिया, जो उनके लिए ‘अविश्वसनीय’ था। ट्रंप ने अपने संबोधन में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक परंपराओं का सम्मान किया और पवित्र रमजान महीने के दौरान उनके समर्पण की सराहना की।
Akhilesh Yadav
@yadavakhilesh
देखते हैं कि कोविशील्ड वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग के जानलेवा ख़तरे की ज़िम्मेदारी अब कौन लेता है। क्या वैक्सीन कंपनियों से चंदा लेते समय भाजपा सरकार को ये बात पता थी। अगर ‘हाँ’ तो जनता के जीवन को ख़तरे में क्यों डाला, यदि ‘न’ तो बिना जाँच के इतना घातक फ़ैसला किसने लिया और इसको नज़रअंदाज़ करने के लिए किसने और कितना लिया।
Subramanian Swamy
@Swamy39
BJP outgoing office bearers are in a panic mode because nationalists enrolled members want a free and fair party election . I am also an enrolled BJP member. Election Commission and Supreme Court Writ Jurisdiction can be invoked to ensure that there is a free and fair election.
Akhilesh Yadav
@yadavakhilesh
भाजपावाले अब बेरोज़गारों का नाम बदलकर जनता को धोखा देंगे।
सच तो ये है कि ‘आकांक्षी युवाओं’ की एक ही आकांक्षा है कि भाजपा को कैसे जल्दी से जल्दी हटाएं क्योंकि वो जान गये हैं कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में ही नहीं है क्योंकि वो नौकरी ख़त्म करने के बहाने दरअसल आरक्षण ख़त्म करना चाहते हैं।
आकांक्षी युवा कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
Parvez Ahmad
@parvezahmadj
बाहुबली , पूर्व विधायक , माफ़िया मुख़्तार अंसारी की बरसी पर उनकी मौत की मजिस्ट्रेटी, ज्यूडिशियल जांच क्लोज़, सील चल रही बैरिक खोलने का आदेश, बैरिक में मौज़ूद सारा सामान मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराकर मुख़्तार अंसारी के आश्रितों को सौंपने का आदेश ! उधर , मऊ में मनाई गई मुख़्तार की बरसी लखनऊ , वाराणसी , पंजाब , राजस्थान, कोलकाता से बड़ी संख्या में पहुंचे समर्थक…राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता !
ASHUTOSH MISHRA
@JournoAshutosh
नवरात्रि में मीट की दुकान बंद करो क्योंकि हिंदुओं का पर्व है! कितने लोग भारत के अलग क्षेत्रों में हिंदू परंपराओं से परिचित हैं?
इन दुकानों को चलाने वाले मुन्ना, हरमीत भाई, असलम और उनकी दुकानों पर काम करने वालों की नौं दिनों आर्थिक नुक़सान की भरपाई कौन करेगा?
अंतरराष्ट्रीय रेस्टोरेंट चेन, होटलों में मीट बैन कर पाएंगे?
सड़कों पर शराब की दुकानें नवरात्रि में बंद कर पाएंगे?
आस्थावान व्रतियों को दिक़्क़त नहीं तो दिक़्क़त है किसे?
Dilip Mandal
@Profdilipmandal
मिस्टर नजीब जंग जी,
ये कहां, किस किताब में लिखा है कि दलितों को हमेशा मुसलमानों के नीचे ही रहना है? आपको दलित अपने से नीचे क्यों चाहिए??
आप ये क्या कह रहे हैं कि – मुसलमानों की हालत दलितों से ख़राब हो गई है।
मुसलमान जब तक परिवार छोटे नहीं करेंगे और औरतें बाहर काम पर नहीं जाएँगी, तब तक स्थिति नहीं सुधरेगी।
दलितों ने शिक्षा पर ध्यान दिया। उनके घरों की महिलाएं बुर्का नहीं पहनती। बाहर भी काम करती हैं। ज़्यादातर फैमिली में डबल इनकम है। इसलिए हालत सुधर रही है। अभी और बेहतरी होगी।
जलन मत कीजिए।
आप वही तो हैं, जिन्होंने जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रहने के दौरान रजिस्ट्रार फैजान मुस्तफा और कपिल सिब्बल से मिलकर एससी-एसटी का कोटा खत्म कराया था और ओबीसी आरक्षण रोका था।
आपके बड़े पाप हैं। गिनाने बैठूँगा तो लंबा हो जाएगा। आपको जामिया में किए गए अपराध के पुरस्कार के तौर पर कांग्रेस ने दिल्ली का लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाया था।
हमें ये भी पता है कि आप किस औद्योगिक घराने के प्रतिनिधि के तौर पर कांग्रेस में इतने पावरफुल थे।
ईद पर हरियाणा सरकार ने कहा है कि जिनको छुट्टी चाहिए, वे छुट्टी ले लें। वेतन नहीं कटेगा। पर ऑफिस बंद नहीं होंगे। क्योंकि शनिवार और रविवार साथ होने से तीन दिन ऑफिस बंद हो जाएंगे। वित्त वर्ष की क्लोजिंग है। काफ़ी काम फँस जाएंगे।
इतनी-सी बात का तमाशा हो रहा है।
Ravish Kumar Official
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असम के पत्रकार सड़क पर उतर गए हैं। साथी पत्रकार की गिरफ्तारी के विरोध में। मुख्यमंत्री कहते हैं कि दिलवर हुसैन मज़ूमदार पत्रकार नहीं है। लेकिन कोर्ट के एक मामले में ज़मानत देते हुए कहा कि गिरफ्तारी के लिए कानून का दुरुपयोग हुआ है। सरकार को कहां पीछे हटना चाहिए था तो चोरी डकैती के आरोप में जेल में डाल दिया। आप ही बताइये। एक बैंक के बाहर प्रदर्शन हो रहा है। उसे कवर करने पत्रकार गया है। पुलिस केस करती है कि किसी का जातिगत अपमान किया है। इस केस में बेल मिलती है तो चोरी के आरोप में जेल में डाल जाता है। पहले चोरी का केस दर्ज होगा या अपमान का? क्या ये पुलिस की दादागीरी नहीं है?
Dr. Udit Raj
@Dr_Uditraj
मायावती जी अभी तक बीजेपी की मदद करती रही हैं और अब करनी सेना के साथ खड़ी हैं । रामजी लाल सुमन जी ने संसद में कहा राणा सांगा ने बाबर को आमंत्रित किया था जो इतिहास में हैं । डॉ अंबेडकर से लेकर कांशीराम जी ने इतिहास को उद्धृत करके लोगों को जगाया, क्या वो गलत थे? आपके अनुसार सुमन जी दलित हैं और बोलेंगे तो पिटेंगे ।सवर्णों ने दलितों का शोषण किया फिर यह भी नहीं बोलना चाहिए नहीं तो सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा । बीएसपी में दलितों के मुंह पर ताला लगने का मतलब और दल भी ऐसा करें और बोलने न दें ।
अरे मायावती जी कितना गिरोगे? कुछ तो शर्म करो! लोकतंत्र बोलने का अधिकार देता है। सुमन जी दलित थे इसलिए कानून हाथ में लिया और उनके घर पर बुलडोजर और लाठी- डंडा लेकर पहुचें और तोड़ फोड़ किया ।घटना की निंदा नही कर सकते थे तो मुंह तो बंद रखते । सवर्णों का हौंसला बढ़ा रहे हो फिर तो गेस्ट हाउस में आपके साथ तो ठीक हुवा था ।
Mayawati
@Mayawati
1. सपा अपने राजनैतिक लाभ के लिए अपने दलित नेताओं को आगे करके जो घिनौनी राजनीति कर रही है अर्थात् उनको नुकसान पहुँचाने में लगी है, यह उचित नहीं। दलितों को इनके सभी हथकण्डों से सावधान रहना चाहिये। आगरा की हुई घटना अति चिन्ताजनक।
Mayawati
@Mayawati
2. अतः आगरा घटना की आड़ में अब सपा अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना बन्द करे तथा आगरा की हुई घटना की तरह यहां दलितों का उत्पीड़न और ज्यादा ना कराये।
Mayawati
@Mayawati
1. सपा अपने राजनैतिक लाभ के लिए अपने दलित नेताओं को आगे करके जो घिनौनी राजनीति कर रही है अर्थात् उनको नुकसान पहुँचाने में लगी है, यह उचित नहीं। दलितों को इनके सभी हथकण्डों से सावधान रहना चाहिये। आगरा की हुई घटना अति चिन्ताजनक।
Mayawati
@Mayawati
2. साथ ही, सपा को अपने स्वार्थ में किसी भी समुदाय का अपमान करना ठीक नहीं, जिसके तहत अब इनको किसी समुदाय में दुर्गन्ध व किसी में सुगन्ध आ रही है। इससे समाज में अमन-चैन व सौहार्द बिगड़ेगा, जो ठीक नहीं।
Insider Paper
@TheInsiderPaper
BREAKING: Head of Myanmar’s military government says 144 dead and more than 730 injured in powerful earthquake.
Dr. Shoaib Jamai
@shoaibJamei
भाजपा के कुछ बड़बोले नेता दिल्ली में ईद की नमाज को लेकर ग़लत बयान बाजी कर रहे हैं। उनको मालूम होना चाहिए कि यह संभल या मेरठ नहीं , दिल्ली है, हां सबकी दिल्ली.
यहां ईद की नमाज भी होगी और अगर मस्जिद में जगह कम पड़ जाए तो सड़क पर भी होगी. ईदगाहों और अपने घर के छत पर भी होगी 🫵
कावड़ यात्रा के दौरान मुख्य सड़क को कई घंटे के लिए बंद किया जा सकता है तो नमाज के दौरान 15 मिनट के लिए भी किया जा सकता है। व्यवस्था करने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है।
K P Malik
@TheKPMalik
पुलिस की तानाशाही : जयंत चौधरी
मेरठ पुलिस ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि सड़क पर नमाज नहीं होगी, अगर सड़क पर कोई नमाज पढ़ता हुआ मिला तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।
मेरठ पुलिस के इस आदेश से आहत होकर राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने .. “Policing towards Orwellian 1984!”
यह ट्वीट किया है।
मेरी अंग्रेजी बहुत कमजोर है लेकिन मैंने इसको समझने की जो थोड़ी बहुत कोशिश की तो मुझे जो अर्थ मुझे साधारण शब्दों में समझ में आता है वह यह है कि “प्रदेश में पुलिस प्रशासन की तानाशाही चल रही है! योगी जी का पुलिस प्रशासन का कंट्रोल नहीं है शायद जयंत चौधरी यही कहना चाहते हैं।
लेकिन यहां सवाल यह बन जाता है कि जयंत चौधरी अगर इस आदेश का विरोध कर रहे हैं? तो वह सीधे मीडिया में आकर अपना वक्तव्य क्यों नहीं दे देते? वह सीएम योगी जी को फोन क्यों नहीं करते? वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से बात क्यों नहीं करते? पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा को शिकायत क्यों नहीं करते? जब इस प्रकार के तमाम सवाल हों तो क्या माना जाए कि जयंत चौधरी खाली नूरा कुश्ती और रस्म अदायगी कर रहे हैं?
Mario Nawfal
@MarioNawfal
🚨🇲🇲 THOUSANDS FEARED DEAD AFTER 7.7 MYANMAR EARTHQUAKE
A devastating 7.7-magnitude earthquake struck near Mandalay, Myanmar early today, followed by a 6.4 aftershock just 12 minutes later.
Scientists say the quake hit the highly active Sagaing Fault, where tectonic plates had been “locked” for years, storing extreme energy.
The quake’s shallow depth—just 10km—amplified the destruction across Myanmar and neighboring Thailand.
Experts warn this may be just the beginning, with deadly aftershocks likely.
Up to 100,000 casualties are feared; rescue efforts face immense challenges as damaged buildings remain unstable and poorly enforced building codes worsen the toll.
Officials call this Myanmar’s deadliest quake in decades—and say the worst may be yet to come.
Source: Daily Mail
Narendra Pratap
@hindipatrakar
यूपी में सड़क, छत पर नमाज प्रतिबंध के फैसले पर राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री जयंत चौधरी पुलिस से नाराज हो गये है
जयंत ने एक मीडिया रिपोर्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा कि “ऑरवेलियन-1984 की ओर जाती हुई पुलिसिंग”.
“ऑरवेलियन” टर्म का इस्तैमाल उस सरकारी सिस्टम के लिए किया जाता है जिसमें सरकार नागरिकों के जीवन जीने के तरीकों पर प्रतिबंध लगा देती है. पड़ौसी को अपने पड़ौसी के खिलाफ सरकार को रिपोर्ट करनी होती है.
जॉर्ज ऑरवेल ने अपने एक उपन्यास में इस तरह के सिस्टम का जिक्र करते हुए उसे ऑरवेलियन-1984 की संज्ञा दी है
यूपी #संभल, #मेरठ समेत कई शहरों में पुलिस अधिकारियों ने छत और सड़क पर नमाज पढ़ने वालों के लिए कानूनी शिकंजे के अलावा अपने स्तर से भी कड़ी सजा का ऐलान किया है.
मेरठ एसपी सिटी के अनुसार जब तक आरोपी आपराधिक केस से बरी नहीं होते, उनके पासपोर्ट और सभी तरह के लायसेंस भी रद्द रहेंगे
वेस्ट यूपी में मुसलमानों का एक बड़ा तबका जयंत का वोटर है. जयंत जानते है कि इस आदेश के खिलाफ नही बोले तो आने वाले चुनावों में मुस्लिम छिटक जायेगे

TV9 Bharatvarsh
@TV9Bharatvarsh
दिल्ली सरकार द्वारा पहले उर्दू अकादमी के साथ मिलकर इफ्तार पार्टियों का आयोजन किया जाता था, लेकिन यह पहली बार होगा जब सरकार ‘फलाहार पार्टी’ आयोजित करने जा रही है. हिंदू नववर्ष पर इसकी शुरुआत होगी. शाम को ‘फलाहार पार्टी’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लोग फलों का सेवन करेंगे और अपना उपवास तोड़ेंगे
डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, सभी लेख X पर वॉयरल हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं!