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SYRIA DIARY : ग़ज़ा पर इसराइल के हवाई हमले में मेयर सहित 22 की मौत, जुलानी ने सीरिया पर इसराइली हमलों पर कही बड़ी बात : रिपोर्ट

हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने सीरिया पर किए गए इसराइली हमलों की निंदा करते हुए कहा है कि सीरिया युद्ध से थक चुका है.

अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने कहा कि इसराइली हमले से सीरियाई क्षेत्र में बेवजह तनाव बढ़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि सीरिया अब एक और संघर्ष नहीं झेल सकता.

सामाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने शनिवार को कहा कि इसराइल सीरिया पर किए जा रहे अपने हमलों को सही ठहराने के लिए झूठे बहाने बना रहा हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि सीरिया अब किसी भी नए संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहता है. उन्होंने कहा कि बशर अल-असद की सत्ता के गिरने के बाद देश को फिर से खड़ा करने पर ध्यान दे रहा है.

बीबीसी पश्तो सेवाके अनुसार सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता के गिरने के बाद, इसराइल ने सीरिया की सेना के ठिकानों पर कई बार बमबारी की है.

इन हमलों के बारे में इसराइल का कहना है कि “आतंकी” ताकतों को हथियार हासिल करने से रोकने के लिए हमले किए जा रहे हैं.

ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार इसराइल ने शनिवार की शाम को पांच घंटों के दौरान सीरिया की अलग-अलग जगहों पर 61 मिसाइलें दागी थीं.

ऐसा अनुमान है कि बशर अल-असद की सत्ता के जाने के बाद से इसराइल ने पूरे सीरिया में लगभग 800 हवाई हमले किए हैं.

शनिवार को सीरिया ने इसराइल के इन हमलों के मद्देनज़र संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र लिखा. इस पत्र में सीरिया के स्थाई प्रतिनिधि ने इसराइल के लगातार किए जा रहे हमलों की निंदा की थी.

ग़ज़ा पर इसराइल के हवाई हमले में मेयर सहित 22 की मौत

ग़ज़ा पर इसराइल के हवाई हमले में कम से कम 22 फ़लस्तीनियों की मौत हो गई है.

इसराइल डिफेंस फ़ोर्सेज़ (आईडीएफ) और हमास ने कहा है कि इन 22 में से एक सेंट्रल ग़ज़ा में स्थित दीर अल-बलाह शहर के मेयर भी हैं.

यहां 13 लोग मारे गए हैं और चिकित्सकोंने बताया है कि दस लोग सहायता प्राप्त करने के लिए आए हुए थे. ग़ज़ा में स्थित एक स्कूल में महिला और उसके शिशु सहित सात लोगों की मौत हुई.

इसराइल ने कहा है कि हमास इसे अपने बेस के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है.

इसराइल कई बार कह चुका है कि स्कूल का इस्तेमाल हमास अपने ठिकानों और अन्य चीज़ें के लिए कर रहा है, लेकिन हमास इसे कई बार नकार चुका है.

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने ग़ज़ा में संघर्ष विराम समझौते की उम्मीद जताई थी.

पिछले साल अक्टूबर में इसराइल पर हमास ने हमला किया था और इसमें 1200 इसराइली मारे गए थे.

इसके बाद इसराइल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की थी. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ग़ज़ा में 44 हज़ार से अधिक लोगों की मौत इसराइल के हमले में हुई है.

एंटनी ब्लिंकन बोले- सीरिया के विद्रोही गुट एचटीएस के साथ सीधे संपर्क में अमेरिका

अमेरिका ने पहली बार माना है कि वो सीरिया में बशर अल-असद की सरकार गिराने वाले विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के साथ ‘सीधे संपर्क’ में है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ये टिप्पणी जॉर्डन में की है. उन्होंने कहा, “हम एचटीएस और अन्य लोगों के संपर्क में हैं.”

हालांकि, अमेरिका ने हयात तहरीर अल-शाम को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.

वहीं जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान साफ़ादी ने कहा कि क्षेत्रीय ताक़तें नहीं चाहतीं कि सीरिया ‘अराजकता की स्थिति’ में पहुँचे.

सीरिया में पिछले दिनों एचटीएस के नेतृत्व में विद्रोही गुटों ने बशर अल-असद की सरकार को अपदस्थ कर दिया था. इसके बादल एलान किया था कि सीरिया आज़ाद हो गया.

इस दौरान बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए और उन्हें रूस ने शरण दी है.

सीरिया में अपनों की तलाश में क़ब्रों और बॉडी बैग्स को खंगालते लोग

लुसी विलियम्सन
पदनाम,दमिश्क से, बीबीसी मध्य-पूर्व संवाददाता

अद्रा एक अजीब तरह का पड़ोसी क़ब्रिस्तान है, जहाँ ऊबड़-खाबड़ ज़मीन पर दो अकेली क़ब्रें हैं, जो घास से ढकी हुई हैं.

कई साल तक यह क्षेत्र राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के नियंत्रण में रहा था.

अब असद के भागने के एक सप्ताह बाद, इस ख़ाली क़ब्रिस्तान के एक कोने में कंक्रीट की स्लैब को हटाया गया है, जिससे एक उथली क़ब्र नज़र आई है.

इसमें कम से कम आधा दर्जन सफ़ेद बॉडी बैग्स (बड़े थैले) हैं, जिन पर नाम और जेल के नंबर लिखे हुए हैं.

जब हम वहां पहुंचे तो पास में रहने वाले ख़ालिद अल हमद बड़ी मुश्किल से बैगों को बाहर निकाल रहे थे.

उन्होंने हमें वो तीन बैग दिखाए, जिन्हें पहले ही खोल लिया था. हर बैग में एक इंसानी खोपड़ी और हड्डियाँ हैं. बैग पर लिखे शब्दों से पता चलता है कि वे दो महिला क़ैदियों और एक पुरुष क़ैदी के अवशेष हैं.

असद शासन में ग़ायब हुए लोगों की तलाश

यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी मौत कैसे हुई या क्या यह असद शासन के दौर में आपराधिक दुर्व्यवहार का सबूत है.

लेकिन ख़ालिद को किसी समझाने की ज़रूरत नहीं है. वो अपने दो भाइयों जिहाद और हुसैन की तलाश कर रहे हैं, जिन्हें एक दशक पहले असद की बदनाम वायु सेना की ख़ुफिया एजेंसियों ने पकड़ लिया था.

उसके बाद से इन दो भाइयों का कुछ पता नहीं चला है.

ख़ालिद का कहना है, “कुछ लोगों को ‘ड्राइविंग स्कूल’ नाम के इलाक़े में ले जाया गया और वहीं उनकी हत्या कर दी गई. मुझे लगता है कि मेरे भाइयों के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा. हो सकता है कि वो यहाँ दफ़नाए गए किसी बैग में हों.”

बीबीसी ने यह जानकारी सीरिया में ह्यूमन राइट्स वॉच के साथ साझा की. उनका कहना कि वो अन्य जगहों पर भी क़ैदियों के अवशेषों को ऐसे ही थैलों में भरकर फेंके जाने की ख़बरों की जांच कर रहे हैं.

असद के पतन ने उन परिवारों में उम्मीद की किरण ला दी है, जो दशकों से अपने प्रियजनों के बारे में जानने के लिए किसी सुविधा की तलाश में थे.

ख़ालिद ने कहा, “अगर आप असद के समय में पहले कभी यहां से गुज़रते, तो आप रुक नहीं सकते थे, आप ऊपर नहीं देख सकते थे.”

“इस इलाक़े से गाड़ियाँ तेज़ रफ़्तार से निकल जाती थीं. अगर आप रुकते तो वो आपके पास आते, आपके सिर पर प्लास्टिक का थैला रख देते और आपको ले जाते.”

ख़ालिद की तरह हज़ारों परिवार अब सीरिया में अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे हैं जो असद की कुख्यात जेल व्यवस्था या उसके सैन्य पूछताछ केंद्रों में ग़ायब हो गए हैं.

इनमें से कुछ को दमिश्क के माज़ेह सैन्य हवाई अड्डे पर ले जाया गया था.

एचटीएस के सदस्य

‘400 महिलाओं के साथ नियमित तौर पर रेप’

यह जगह कभी असद और विद्रोही बलों के बीच एक महत्वपूर्ण बफ़र ज़ोन हुआ करती थी, जो अब वीरान हो चुकी है. यहां रनवे पर फेंके गए सैनिकों के जूते बिखरे पड़े हैं और ज़मीन पर एक ज़िंदा रॉकेट पड़ा है.

इस जगह ज़िंदगी की एकमात्र निशानी इसके गेट पर नए गार्ड हैं. ये हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के युवा मिलिशिया पुरुष हैं. इसी गुट ने पिछले हफ़्ते सीरिया पर कब्ज़ा कर लिया था.

उन्होंने हमें असद की सेना का यातना कक्ष दिखाया, जिसमें क़ैदियों की पिटाई के लिए उनके पैरों को बांधने के लिए एक खंभा था और इसके ठीक बिजली के स्विचबोर्ड के पास तार भी पड़े हुए थे.

गार्ड के कमांडर अबू जर्राह ने हमें बताया, “यहां उन्होंने क़ैदियों को बिजली का झटका दिया. ये बिजली के तार हैं. पूछताछ करने वाला यहां बैठता था. इन्हीं तारों से क़ैदी को बिजली का झटका दिया जाता था.”

“यहां क़ैदियों के दिमाग़ पर ऐसा असर पड़ता था कि वो सबकुछ कबूल कर लेते थे. वो पूछताछ कर्ता से कहते थे कि वो जो चाहे लिख दे, इस उम्मीद में कि उनको दी जाने वाली यातना बंद हो जाएगी.”

अबू जर्राह ने यह भी कहा कि यहां बंद 400 महिलाओं के साथ नियमित रूप से बलात्कार किया जाता था और जेल में ही उनके बच्चों का जन्म होता था.

यहां मौजूद रिकॉर्ड में अपने माता-पिता या बच्चे को ढूंढना काफ़ी तकलीफ़ों से भरा है, इससे ज़्यादा तकलीफ़ केवल इस बात से हो सकती है कि उन्हें ढूंढना ही नहीं है.

इसी के बगल की इमारत में पीड़ित परिवार कंक्रीट के फ़र्श पर ढेर में बिखरी हुई तस्वीरों को हताश होकर खंगाल रहे हैं. एक के बाद एक चेहरे में अपनों की तलाश में उनके ख़ुद के चेहरे पर गंभीरता और ख़ालीपन दिखता है जो असद के शासन के दौर के ख़ामोश गवाह हैं.

महमूद सईद हुसैन

‘हमें जो दर्द मिला है, असद को भी मिले’

इन्हीं में से एक रोती हुई महिला अल-कामिशली के कुर्द महमूद सईद हुसैन की मां भी थीं.

उनका कहना है, “कल हमने देखा कि उसका नाम एयरबेस जेल के रिकॉर्ड में है. हम यहां आए लेकिन उसे नहीं ढूंढ पाए. मैं उसे 11 साल से एक जेल से दूसरी जेल में खोज रही हूं.”

फ़र्श पर पड़ी तस्वीरों के ढेर की ओर इशारा करते हुए वह रो पड़ीं, “ये सब मेरे बेटे जैसे हैं. ईश्वर असद को भी ऐसा ही दर्द दे, जैसा उसने हमें दिया है.”

उनके पीछे तीन कमरे हैं, जिनमें एक के बाद एक फ़ाइलें खुली हुई हैं. कई लोग फ़र्श पर कई फ़ीट ऊंचे दस्तावेज़ों के ढेर पर दुबके हुए बैठे हैं.

एक महिला ने गुस्से में कहा, “ये नोट क्या हैं?”

“कोई भी हमारी मदद नहीं कर रहा है. हम चाहते हैं कि कोई हमारे पास आकर इन दस्तावेज़ों की जांच करे. मैं जेल की इतनी सारी फ़ाइलों में से उसे कैसे ढूंढ सकती हूं?”

यहां किसी भी सुचारू व्यवस्था के अभाव का मतलब है कि कि सीरिया में हर रोज़ महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट हो रहे हैं.

इनमें लापता लोगों के बारे में जानकारी और संभावित रूप से असद शासन और अमेरिका या ब्रिटेन जैसी विदेशी सरकारों के बीच किसी भी तरह के संबंध की जानकारी शामिल है.

उन पर अमेरिका की असाधारण प्रत्यावर्तन नीति से लाभ उठाने का आरोप लगाया गया है, जिसके तहत संदिग्ध आतंकवादियों को पूछताछ के लिए उन देशों में भेजा जाता था, जहां उन्हें यातनाएं दी जाती थीं.

मानवाधिकार समूहों ने ब्रिटेन की सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने आतंकवाद के ख़िलाफ़ तथाकथित युद्ध के दौरान अमेरिकी कार्यप्रणाली पर आंखें मूंद लीं, जब अमेरिका ने सीरिया सहित मध्य पूर्व के कई देशों में बंदियों को भेजा था.

असद शासन में पकड़े गए लोगों के रिकॉर्ड

नष्ट होते दस्तावेज़

यहां बाहर की तरफ एयरबेस के शांत हैंगरों में रूस में बने विमानों और राडार के जले हुए अवशेष बिखरे पड़े हैं, जो पिछले सप्ताह के दौरान बार-बार इसराइली हवाई हमलों में क्षतिग्रस्त हुए थे.

असद के जाने से सीरिया में संघर्ष कर रहे गुटों और तुर्की, ईरान और अमेरिका सहित उनके विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समर्थकों के बीच इलाक़े में शक्ति का नाज़ुक संतुलन बदल गया है.

यह केवल सीरिया का युद्ध नहीं था. यहां जो कुछ भी हो रहा है उसमें अन्य देशों के अपने हित भी शामिल हैं.

सीरियाई लोग इस बात पर अड़े हुए हैं कि अब समय आ गया है कि वो बिना किसी के निर्देश के ख़ुद देश पर शासन करें.

जब हम वहां से निकल रहे थे तभी एक युवा एचटीएस लड़ाकू पूछताछ भवन के ऊपर टंगे असद की तस्वीर पर हमला करने के लिए छत पर चढ़ गया.

वह नीचे अपने साथियों की ओर देखकर मुस्कुराया, जबकि असद शासन की सैन्य फाइलों से तस्वीरें और दस्तावेज़ उनके जूतों के चारों ओर फड़फड़ा रहे थे.

असद के पतन ने न केवल सीरिया के भविष्य के बारे में कई सवाल ख़ड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब नहीं मिला है, बल्कि इसने कई पुराने सवाल भी खड़े किए हैं जिनके जवाब तलाशे जा रहे हैं.

सीरिया के भविष्य के बारे में जॉर्डन में बैठकर ये मुल्क क्या तय कर रहे हैं?

सीरिया में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद वहां हालात सामान्य बनाने के लिए दुनिया के कई अहम और ताक़तवर देश अपनी-अपनी कोशिशों में लगे हुए हैं.

इस सिलसिले में अमेरिका ने पहली बार स्वीकार किया है कि वह सीरिया के विद्रोही गुटों के साथ संपर्क में है. जबकि चीन ने भी सीरिया के मुद्दे पर पहली बार खुलकर बयान दिया है.

एक तरफ़ जॉर्डन ने शनिवार को सीरिया के मुद्दे पर बातचीत की मेज़बानी शुरू की है. इसमें बशर अल-असद के शासन के पतन के बाद के हालात पर चर्चा करने के लिए कई देशों के विदेश मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया है.

वहीं चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 13 दिसंबर को बीजिंग में अपने मिस्र के समकक्ष बद्र अब्देलती के साथ सीरिया और मध्य पूर्व के हालात पर साझा बयान दिया है.

सीरिया के अंतरिम प्रधानमंत्री

ताज़ा हालात

सीरिया में 8 दिसंबर को विद्रोहियों ने बशर अल-असद के 24 साल लंबे शासन को समाप्त कर दिया और राष्ट्रपति असद को रूस भागने पर मजबूर कर दिया.

सीरिया में यह तख्तापलट 13 साल के गृह युद्ध के बाद हुआ, जो असद सरकार के दौर में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के बाद शुरू हुआ था.

इस लड़ाई में पाँच लाख से ज़्यादा लोग मारे गए, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं. इस मुद्दे पर दुनिया के बड़े देश और उनके समर्थक उलझ गए थे.

सीरिया के सबसे प्रमुख एचटीएस विद्रोहियों ने मोहम्मद अल-बशीर को देश का अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. अब दुनिया की नज़र इस बात पर है कि असद परिवार के आधी सदी के शासन के अंत के बाद सीरिया की राजनीतिक तस्वीर क्या आकार लेती है.

जॉर्डन के शिखर सम्मेलन में सीरिया के सामने आने वाली मुश्किल चुनौतियों के समाधान के लिए तुर्की, अमेरिका, यूरोपीय संघ और अरब देशों सहित प्रमुख क्षेत्रीय और अन्य देशों के 13 प्रतिनिधि एक मंच पर जुटे.

इस बातचीत के एजेंडे में सीरिया पर अरब मंत्री स्तरीय समूह की बैठक शामिल है, जिसमें जॉर्डन, सऊदी अरब, इराक़, लेबनान, मिस्र और अरब लीग के महासचिव शामिल हैं.

इसके बाद तुर्की, अमेरिका और फ्रांस के विदेश मंत्रियों के साथ-साथ ब्रिटेन, जर्मनी और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक बड़ी बैठक की जाएगी.

जॉर्डन में बैठक के दौरान अलग अलग देशों के प्रतिनिधि

अमेरिका के क्या कहा

जॉर्डन में अमेरिका ने पुष्टि की है कि वह सीरिया के विद्रोही गुटों के साथ ‘सीधे संपर्क’ में है.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका ने एचटीएस विद्रोहियों के साथ ‘सीधा संपर्क’ बनाए हुए है, जो बशर अल-असद शासन को उखाड़ फेंकने के बाद सीरिया पर नियंत्रण कर रहे हैं.

ब्लिंकन ने कहा है कि ख़ासतौर पर लंबे समय से लापता अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस के मामले में अमेरिका एचटीएस के साथ सीधे संपर्क में है.

अमेरिका ने पहली बार हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के साथ सीधे संपर्क की बात स्वीकार की है, जिसे अमेरिका अभी भी एक चरमपंथी संगठन मानता है.

ब्लिंकन सीरिया के भविष्य पर चर्चा करने के लिए कई अरब देशों, तुर्की और यूरोप के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने के बाद जॉर्डन में बोल रहे थे.

इस दौरान आधिकारिक तौर पर सीरिया में शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया का समर्थन करने पर सहमति जताई गई.

जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि क्षेत्रीय शक्तियां नहीं चाहतीं कि सीरिया “अराजकता की ओर बढ़े.”

उन्होंने संयुक्त बयान में सबको एकसाथ लेकर चलने वाली सीरियाई सरकार की अपील की, जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करे और वहां “आतंकवादी समूहों” को ठिकाना न बनाने दे.

हाल के कुछ सप्ताह की उथल-पुथल से भरी घटनाओं के बाद सीरिया के अंदर और बाहर दोनों जगह इस बात पर चर्चा हो रही है कि सभी सीरियाई लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली नई सरकार की स्थापना करना बेहद अहम है.

जॉर्डन में इराक़ और क़तर के विदेश मंत्री

‘एक और लीबिया नहीं चाहिए’

जॉर्डन में हुई बैठक में इराक़ी विदेश मंत्री फुआद हुसैन ने मध्य पूर्व और उसके बाहर के देशों में सीरिया के भविष्य पर चिंता व्यक्त की.

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय देश एक अन्य लीबिया नहीं देखना चाहते हैं. उन्होंने लीबिया के कर्नल गद्दाफी को सत्ता से हटाए जाने के बाद बनी अराजकता का ज़िक्र किया.

वहीं बैठक में तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान ने कहा कि मौजूदा सीरियाई संस्थाओं को बचाया और बेहतर किया जाना चाहिए.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ फिदान ने कहा, “आतंकवाद को कभी भी संक्रमण काल का लाभ उठाने की अनुमति न दें. हमें मिलकर प्रयास करना होगा और पुरानी ग़लतियों से सीखना होगा.”

सबसे शक्तिशाली विद्रोही गुट एचटीएस ने संकेत दिया है कि वह सीरिया में एक समावेशी सरकार चाहता है. लेकिन गुट के हिंसक जिहादी इतिहास ने कुछ लोगों को संदेह में डाल दिया है कि क्या यह ऐसे वादों पर खरा उतरेगा.

जॉर्डन में हुई बातचीत में सीरिया का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. इस बैठक में शामिल हुए आठ अरब देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सीरिया एक रहे और वहां वर्गों के आधार पर विभाजन न हो.

इसके अलावा इस बैठक में ईरान और रूस भी मौजूद नहीं थे, जिन्होंने असद को वित्तीय सहायता दी थी, जिसकी वजह से वो इतने लम्बे समय तक सत्ता में बने रहे.

सीरिया के मसले पर लम्बे समय से संघर्ष कर रही सभी बाहरी ताक़तों की परछाई भी इस देश के भविष्य पर भारी पड़ रही है.

अगर सीरियाई लोगों को पिछले सप्ताह मिली आज़ादी के स्वाद को बरकरार रखने की कोई उम्मीद है तो इसके लिए सीरिया में उभरती राजनीतिक ताक़तों को न केवल देश के अंदर बल्कि बाहर भी एकजुटता की ज़रूरत होगी.

चीन और मिश्र के विदेश मंत्री

चीन की कोशिश

चीन ने मध्य पूर्व में ‘अराजकता’ से निपटने के लिए तत्काल युद्ध विराम की अपील की है.

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 13 दिसंबर को बीजिंग में अपने मिस्र के समकक्ष बद्र अब्देलती के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सीरिया और मध्य पूर्व के हालात पर बात की है.

उन्होंने कहा कि चीन सीरिया की घरेलू राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन करता है जो “सीरिया के नेतृत्व वाली और सीरिया के स्वामित्व वाली” होनी चाहिए. सीरिया में एक राष्ट्रीय पुनर्निर्माण योजना होनी चाहिए जो “सबके साथ बातचीत के माध्यम से लोगों की इच्छा पूरी करे.”

बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद यह उनकी पहली महत्वपूर्ण टिप्पणी थी जिसमें उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से देश की क्षेत्रीय अखंडता को बचाए रखने की अपील की है.

वांग यी ने कहा है कि चीन सीरिया के हालात को लेकर “अत्यधिक चिंतित” है, एक ऐसा देश जिसके साथ चीन लंबे समय से “मित्रता और सहयोग” की नीति पर काम कर रहा है.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 को लागू करने की अपील की, जिसे देश में शांति प्रक्रिया के लिए रोडमैप के रूप में साल 2015 में अपनाया गया था.

इसमें कहा गया था कि “सीरियाई लोग सीरिया के भविष्य का फैसला करेंगे.”

वांग यी ने यह चेतावनी भी दी कि देश को चरमपंथी ताकतों और “किसी भी प्रकार के आतंकवाद” का “दृढ़ता से विरोध” करना चाहिए.

क्षेत्र के हालात के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि इसराइल-ग़ज़ा युद्ध की शुरुआत के बाद से मध्य पूर्व में लगातार संकट के कारण उथल-पुथल मची हुई है और मौजूदा अराजकता को देखते हुए पहली प्राथमिकता तत्काल युद्ध विराम और मानवीय संकट को कम करना है.

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने उनके हवाले से कहा, “मानवीय मुद्दों का अब और राजनीतिकरण नहीं किया जा सकता और आम लोगों के जीवन को सौदेबाज़ी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.”

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका ख़ास ज़ोर देते हुए वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मध्य-पूर्व में शांति और स्थिरता बनाए रखने की ज़िम्मेदारी लेने और इसके कुछ सदस्यों, यानी अमेरिका से “हालात को बिगड़ने” से रोकने की अपील की है.