दुनिया

IAEA में रूसी राजदूत ने पूर्ण परमाणु ईंधन चक्र प्राप्त करने के ईरान के अधिकार की पुष्टि की, कहा…

पार्सटुडे- परमाणु ऊर्जा की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी (IAEA)में रूसी राजदूत मिख़ाईल ओलियानोफ़ ने पूर्ण परमाणु ईंधन चक्र प्राप्त करने के ईरान के अधिकार की पुष्टि की और बल देकर कहा कि NPT के सदस्य देशों के अधिकारों का इंकार नहीं किया जा सकता।

मिख़ाईल ओलियानोफ़ ने शनिवार की शाम को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा: मैं बातचीत के इस संवेदनशील चरण में विवरणों पर टिप्पणी न करने से बचना पसंद करता हूं लेकिन ईरान के विदेश मंत्री पूरी तरह सही कहते हैं।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि एनपीटी संधि के अनुसार यह नहीं है कि केवल NPT के सदस्य देश कुछ चीज़ों के प्रति कटिबद्ध हैं बल्कि उन्हें आधारभूत अधिकार प्राप्त हैं जिन पर सवाल नहीं किया जा सकता।

इससे पहले ईरान के विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराकची” ने हाल ही में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ग़ैर सही दावों के दोहराने से बुनियादी वास्तविकतायें नहीं बदलती। अमेरिकी विदेशमंत्री ने कहा था कि ईरान द्वारा यूरेनियम का संवर्धन सही नहीं है। ईरान के विदेशमंत्री सय्यद अब्बास इराक़ची ने कहा था कि एनपीटी के संस्थापक और हस्ताक्षर करने वाले देश के रूप में ईरान को परमाणु ईंधन चक्र के लाभ उठाने का पूरा अधिकार है।

ईरान के विदेश मंत्री ने भी अपने संदेश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्पष्ट किया कि एनपीटी के सदस्य देशों के बीच कई उदाहरण व सरकारें हैं जो यूरेनियम का संवर्द्धन करती हैं और साथ ही परमाणु हथियारों को अस्वीकार करती हैं। एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के देशों के इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।

इराक़ची ने आगे कहा कि अधिकतम दबाव की नीति अपनाने और भड़काऊ भाषणों से न केवल मतभेदों को सुलझाने में कोई मदद नहीं मिलती बल्कि वह एक समझौते तक पहुंचने की संभावना को भी कमजोर करती है। एक विश्वसनीय और स्थायी समझौता हो सकता है बस केवल उसके लिए राजनीतिक इरादे और एक न्यायपूर्ण दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

एनपीटी संधि के अनुच्छेद चार के अनुसार सभी सदस्य देशों को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा से लाभ उठाने का अधिकार दिया गया है और यूरेनियम की समृद्धि को इन अधिकारों का एक हिस्सा माना गया है। अमेरिका के विदेशमंत्री मार्को रूबियो की टिप्पणियां उस समय आईं जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु मामले पर बातचीत का एक नया दौर चल रहा है और कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प सरकार के अधिकारियों की विरोधाभासी टिप्पणियां बातचीत की प्रक्रिया को और चुनौतीपूर्ण बना सकती हैं।