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सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की समीक्षा की मांग से जुड़ी याचिका ख़ारिज़ कर दी!

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी एक याचिका खारिज कर दी है। यह अपील 2018 में चुनावी बांड योजना के तहत राजनीतिक दलों को मिले 16,518 करोड़ रुपये जब्त करने की याचिकाओं के खिलाफ कोर्ट फैसले की समीक्षा की मांग करते हुए दायर की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने शीर्ष अदालत के दो अगस्त 2024 के फैसले के खिलाफ खेम सिंह भाटी की ओर से दायर समीक्षा याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल इस योजना के तहत प्राप्त धन को जब्त करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

पीठ ने 26 मार्च को कहा, “हस्ताक्षरित आदेश के अनुसार समीक्षा याचिका खारिज की जाती है। यदि कोई लंबित आवेदन है, तो उसका निपटारा कर दिया जाएगा।” हाल ही में उपलब्ध कराए गए शीर्ष अदालत के आदेश में मामले में खुली अदालत में सुनवाई के लिए भाटी की प्रार्थना को भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया गया है।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल 15 फरवरी को भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई गुमनाम राजनीतिक फंडिंग की चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस योजना के अंतर्गत अधिकृत वित्तीय संस्थान भारतीय स्टेट बैंक ने आंकड़ों को चुनाव आयोग के साथ साझा किया था, जिसने बाद में सार्वजनिक कर दिया गया था।

चुनावी बांड योजना को सरकार की ओर से 2 जनवरी, 2018 को अधिसूचित किया गया था। यह योजना राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत विभिन्न दलों को दिए जाने वाले नकद दान के विकल्प के रूप में पेश की गई थी।