संभल।यूपी के संभल में पुलिस ने नेजा मेला लगाए जाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। कहा है कि जिस सय्यद सालार मसूद गाजी की याद में यह आयोजन किया जाता है वह मोहम्मद गजनवी का सेनापति था। इतिहास में इस बात का जिक्र है कि सालार मसूद ने लूटपाट और हत्याएं की थीं।
लुटेरे और हत्यारे की याद में मेला लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर इसके बाद भी किसी ने मेला लगाने की कोशिश की तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। संभल के चमन सराय में धार्मिक नगर नेजा कमेटी की ओर से सय्यद सालार मसूद गाजी की याद में नेजा मेला लगाया जाता है।
इस बार नेजा मेला 25, 26 और 27 मार्च को अलग-अलग स्थानों पर लगना था। मंगलवार को ढाल लगाई जानी थी। नेजा मेला से एक सप्ताह पहले ढाल और झंडा घंटाघर पर लगाया जाता है। नेजा मेला कमेटी ने सोमवार को इसकी घोषणा की तो एएसपी श्रीश्चंद ने कमेटी के पदाधिकारियों को कोतवाली बुला लिया।
एएसपी ने कहा कि महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर लूटा था। उसका सेनापति सय्यद सालार मसूद गाजी था। मेले को लेकर दूसरे समुदाय के लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है।
Priya singh
@priyarajputlive
संभल में सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर नेजा मेला लगाया जाता था, जो अब नहीं लगेगा.
संभल पुलिस ने आज नेजा मेले के लिए झंडा लगाए जाने वाले गड्ढे को सीमेंट से भरवा दिया. पुलिस का कहना है कि यहां पर सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर मेला लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. जिसने सोमनाथ मंदिर को लूटा था, उस लुटेरे की याद में मेला नहीं लगेगा. याद रखिए, अगर ढाल गाड़ा गया तो आप राष्ट्रद्रोही कहलाएंगे.
कानून-व्यवस्था बिगड़ने का भी खतरा है, लिहाजा नेजा मेला नहीं लगने दिया जाएगा और न ढाल लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अज्ञानता में यह मेला लगाया जाता रहा है तो अज्ञानी हो और यदि जानबूझकर यह मेला लगाया गया है तो देशद्रोही हो।
करीब एक हजार साल से लग रहा नेजा मेला
करीब एक हजार वर्ष से आयोजित होने वाले संभल के नेजा मेले का आयोजन इस बार नहीं होगा। पुलिस की ओर से कानून व्यवस्था न बिगड़े इसको देखते हुए अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। यह दावा है धार्मिक नगर नेजा कमेटी के अध्यक्ष शाहिद हुसैन मसूदी का।
अध्यक्ष शाहिद हुसैन मसूदी का दावा है कि करीब एक हजार वर्ष से नेजे की ढाल लगाने और नेजा मेला करने की परंपरा चली आ रही है। अध्यक्ष ने बताया कि नेजा मेला सैयद सालार मसूद गाजी की याद में लगता चला आ रहा है।
हालांकि दूसरे समुदाय के द्वारा इसका विरोध कई वर्षों से लगातार किया जाता रहा है। एएसपी ने भी नेजा मेला कमेटी से स्पष्ट कहा है कि जिसने लूट की और हत्याएं की। उसकी याद में कोई भी आयोजन नहीं होने दिया जाएगा।
इस मेले के आयोजन के पीछे की वजह बताते हुए बताया कि संभल वर्ष 1015 के आसपास पृथ्वीराज चौहान की राजधानी थी। कहा जाता है कि वर्ष 1030 के आसपास पृथ्वीराज चौहान के बेटे की नजर संभल के शेख पचासे मियां की बेटी पर पड़ गई थी। शेख पचासे मियां की बेटी शादी करना नहीं चाहती थीं इसलिए उन्होंने सैयद सालार मसूद गाजी को इसकी सूचना भेजी थी।