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ये हैं अपने घर के खेत से निकले आलू!

अरूणिमा सिंह
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ये हैं अपने घर के खेत से निकले आलू!

इनमें बड़े छोटे, टेढ़े मेढे, हरे, सफेद सब हैं।

जब बाजार से लाते हैं तो उनमें अनेकों प्रकार की किस्म होती है जो आपके पैसे पर निर्भर करती है कि आप कितना रोकड़ा लगाओगे उतना बढ़िया माल पाओगे।

हमारे यहां आलू खुदाई तो तब होती है जब आलू खेत में ही पक जाते हैं अर्थात उनकी पत्तियां सूख जाती हैं और डंठल मर से जाते हैं।

उससे पहले तो सब्जी बनाने के हिसाब से कुछ आलू पाहे (मेढ़)में से खोदकर निकाल लेते हैं जिसे चोभियाना कहते हैं।

आलू खुदाई करते समय कुदाल लगने से जो कट जाते हैं वो आलू पहले बनाए खाए जाते हैं।

बड़े आलुओं की चिप्स बन जाती है।

छोटे आलू उबालकर कचालू बना लिए जाते हैं।

सबसे छोटे आलू सबसे बाद में खाए जाते हैं जब सारे आलू खत्म हो जाते हैं तब बारिश के समय इन छोटे आलुओं को धोकर दो टुकड़े करके प्याज संग कुरकुरी सी दाल चावल संग भुजिया सब्जी बनती है।

आलू की हर सब्जी से ज्यादा मुझे ये भुजिया सब्जी पसंद आती है।

चित्र में दिख रहा हरा आलू नही खाया जाता क्योंकि ये कड़वा लगता है लोग कहते हैं कि ये विषाक्त होता है जबकि हमारे तरफ कहते हैं कि जो आलू मिट्टी से बाहर निकल आता है वो सूर्य की किरणों के संपर्क में आकर हरा और कड़वा हो जाता है।

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तस्वीर फेसबुक साभार

अरूणिमा सिंह