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भ्रष्टाचार के मामलों में जज क़ानून से ऊपर हैं?

Manak Gupta

@manakgupta
दिल्ली हाई कोर्ट के जज श्री श्री यशवंत वर्मा के घर पर कैश का भंडार मिला है…और सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें वापस इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने का फैसला किया है

तो कहानी ये है कि जज साहब के दिल्ली वाले सरकारी बंगले में आग लगी, जज साहब शहर से बाहर थे…न चाहते हुए भी…जान बचाने के लिए परिवार को फ़ायर ब्रिगेड बुलानी पड़ी…पुलिस भी आई.

इसी दौरान जज साहब का एक पूरा कमरा Cash से भरा मिला. अफ़रा तफ़री मच गई, बात पुलिस के आला अधिकारियों से होते हुए सरकार के शीर्ष स्तर तक पहुँची…वहाँ से CJI संजीव खन्ना को सूचित किया गया…

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने Justice Yashwant Varma को वापस Allahabad HC भेजने की सज़ा सुना दी.

अब सवाल ये है कि रंगे हाथ पकड़े जाने पर भी क्या जज साहब के ख़िलाफ़ केस नहीं चलेगा?

भ्रष्टाचार के मामलों में भी जज क़ानून से ऊपर हैं?

क्या Supreme Court Collegium सिर्फ ट्रांसफर करके पल्ला झाड़ लेगा?

क्या कैश के साथ पकड़े जाने पर भी न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा न्याय के मंदिर (Allahabad High Court) में बैठ कर ‘न्याय’ करते रहेंगे?

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GURDEEP SINGH KAHLON
@GURDEEPKAHLON_

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नकदी मिलना चौंकाने वाला है। ट्रांसफर सजा नहीं, औपचारिकता है। भ्रष्टाचार पर जांच होनी चाहिए, वरना न्यायपालिका की साख खतरे में पड़ेगी। जज भी कानून से ऊपर नहीं होने चाहिए। आप क्या कहते हैं?

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sharwan sharma
@sharwan24530535
आग लगी..काला धन सामने आया..खबर आई कि जज को फिर इलाहाबाद भेजा गया.. अच्छा होता कि इन्हें तिहाड़ भेजा जाता ताकी देश में न्यायालय के प्रति विश्वास जमता.. प्रशांत भूषण ने सही कहा था अदालतें बिकी हुई है..न्याय बिका हुआ है..

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Ravindra Kumar Gupta
@rkgupta5660
जज साहब के घर से कमरा भरकर कैश मिलना बड़ी खबर तो है। मगर पत्रकार महोदय,ये भी पता करो कि न्याय के मंदिर के पुजारी को इतना कैश कौन कौन दलाल पहुंचाते थे? कहीं SC के नामी गिरामी, केस जिताने/जमानत दिलाने की गारंटी वाले तो नहीं हैं? जिनकी एक एक पेशी की फीस लाखों करोड़ों में है?
खोज करो

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Zakir Ali Tyagi
@ZakirAliTyagi

दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर में आग लगी तो सूचना पाकर फायर ब्रिगेड और पुलिस पहुंची, ख़बर आई कि सेफ़्टी के लिहाज ने फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने अन्य कमरों में झांका तो कर्मचारियों के होश उड़ गये क्योंकि जज के एक कमरे में कैश ही कैश भरा पड़ा है जिसको 15 करोड़ आंका गया, ख़बर बनी तो सुप्रीम कोर्ट ने जज के ख़िलाफ़ जांच बिठाई और उनका इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया!

लेकिन इस मामलें में अब नया मोड़ आ गया है जिसमे जज साहब बचते हुए दिखाई दे रहे है क्योंकि दिल्ली फ़ायर ब्रिगेड के प्रमुख अतुल गर्ग ने कैश मिलने की बात को नकारते हुए कह दिया है कि “जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड की टीम को कोई नकदी नहीं मिली!”

अगर जज साहब आपको अब भी फंसे हुए दिखाई दे रहे है तो आगे बढ़ते है और इस मामलें में एक और अपडेट ले लीजिए जिसमे जज साहब पूर्ण तरह से बचे हुए दिखाई दे सकते है, फ़ायर ब्रिगेड के प्रमुख द्वारा कैश मिलने की बात कक नकार देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना बयान जारी करते हुए कह दिया है कि ” कैश मिलने की गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाई जा रही हैं!”

15 करोड़ कैश मिलने की जानकारी फैलते ही जज साहब का दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादला कर दिया गया जिसका इलाहाबाद हाई कोर्ट का बार एसोसिएशन खुलकर विरोध कर रहा है, और बार एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय ने जज का इलाहाबाद तबादला करने वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का विरोध करते हुए कहा है कि “हम कोई कूड़ादान नहीं हैं, जो बिना जांच के यहां भेज दिया जाये,फायर ब्रिगेड और पुलिस को आग बुझाने के दौरान एक अलमारी से बड़ी नगद धनराशि मिली। साथी अधिवक्ता ने हमें जानकारी भेजी कि इस घटना के बाद आनन-फानन में एक मीटिंग बुलाई,तय किया जज को इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस पर हमारा कहना है कि क्या हमारा हाईकोर्ट डस्टबिन हो गया है। जो आप भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे जज को यहां भेजकर एक प्रयोगशाला के रूप में देख रहे हैं?”

बार एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय ने आगे कहा है कि “आपको उन्हें घर बैठने के लिए कहना चाहिए। उनके खिलाफ जांच करनी चाहिए। मगर यह क्या औचित्य हुआ कि आप उन्हें यहां भेज रहे हैं। क्या इसका असर हमारी न्यायपालिका पर नहीं पड़ेगा, क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्यादातर लोग भ्रष्ट हैं, जो उन्हें यहां शिफ्ट किया जा रहा है। हम 24 मार्च को जनरल हाउस बुलाया है। इसमें सभी अधिवक्ता साथी मिलकर फैसला लेंगे। आंदोलन करेंगे”!

 

डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं!