

Related Articles
पवित्र क़ुरआन पार्ट-29 : शैतान की चालों और उसके बहकावे से होशियार रहें!
सूरये इसरा, पवित्र कुरआन का 17वां सूरा है और यह सूरा मक्के में उतरा। चूंकि इस सूरेए में पैग़म्बरे इस्लाम के मेराज अर्थात आसमान पर जाने की ओर संकेत किया गया है इसलिए इसे इसरा कहा गया है और इसी तरह यह सूरा बनी इस्राईल की कहानी को बयान करता है इसलिए इसे बनी इस्राईल […]
रमज़ान का महीना-तीन ऐसे समय हैं कि उसमें दुआ ज़रूर क़बूल होती है….!!
दोस्तो रमज़ान का पवित्र महीना है और यह वह महीना है जिसमें हम अपने ईश्वर के मेहमान होते हैं। यह मेहमानी भी दूसरी मेहमानियों की भांति सबसे सुन्दर और सबसे मीठी होती है और इसका समय भी सीमित होता है और हमको इसके महत्व को समझना चाहिए और इस छोटी अवधि से भरपूर लाभ उठाना […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-36 : न्याय वह चीज़ है जिस पर पूरा ब्रह्मांड चल रहा है!
क़ुराने मजीद के सूरए नूर की 35वीं आयत में उल्लेख है कि ईश्वर आसमान और ज़मीन का नूर अर्थात प्रकाश है। उसके नूर की मिसाल ऐसी है जैसे ताक़ में एक दीप रखा हुआ हो, दीप एक फ़ानूस में हो, फ़ानूस मोती की तरह चमकते हुए तारे की भांति हो, और वह दीप ज़ैतून के […]