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पिछले 24 घंटों में ग़ज़ापट्टी में 61 फिलिस्तीनी शहीद और 134 अन्य घायल हो गए

पार्सटुडे – ग़ज़ा पट्टी के केंद्र और दक्षिण में ज़ायोनी शासन सेना के ताज़ा हमलों में 23 और फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए।

पार्सटुडे रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइली लड़ाकू विमानों ने आज सुबह (मंगलवार) को दक्षिण में ख़ान यूनिस क्षेत्र और ग़ज़ा पट्टी के केंद्र में अल बुरैज कैंप पर हमला किया, जिसमें तीन बच्चों सहित 13 फिलिस्तीनी शहीद हो गये।

ग़ज़ा शहर के पूर्वी इलाकों में भी ज़ायोनी शासन द्वारा हवाई और तोपखाने के हमले हुए जिसके परिणामस्वरूप कई फ़िलिस्तीनी शहीद और घायल हुए। फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एलान किया था कि पिछले 24 घंटों में ग़ज़ापट्टी में 61 फिलिस्तीनी शहीद और 134 अन्य घायल हो गए।

फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, ज़ायोनी शासन द्वारा युद्धविराम के उल्लंघन के बाद 18 मार्च, 2025 से अब तक शहीदों और घायलों की संख्या 634 हो गई है जबकि 1172 लोग घायल हुए हैं। इस आंकड़े को मिलाकर, 7 अक्टूबर, 2023 से ग़ज़ा पट्टी में शहीदों की संख्या 50 हज़ार 82 हो गई है जबकि घायलों की संख्या 1 लाख 13 हज़ार 408 हो गई है।

ग़ज़ा पट्टी में ज़ायोनी शासन के हमलों के शुरु होने के बाद उसे क्षेत्रीय और वैश्विक निंदा की लहर का सामना करना पड़ रहा है।

फ़िलिस्तीनी मुजाहेदीन का ज़ायोनी ठिकानों पर रॉकेट हमला

ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बाद, फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन की सैन्य शाखा, सराया अल-कुद्स ने कई मिसाइलों से मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन में ज़ायोनी शासन के ठिकानों और ज़ायोनी बस्तियों को निशाना बनाया। इसके बाद ग़ज़ा पट्टी से सटी ज़ायोनी बस्तियां खतरे के सायरन से गूंज उठे।

हमास: ज़ायोनी शासन हमास के विनाश को लेकर भ्रम में है

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) के एक वरिष्ठ सदस्य सामी अबू ज़ोहरी ने मंगलवार सुबह कहा: ज़ायोनी शासन हमारे कमांडरों को शहीद करके हमास को नष्ट करने की संभावना के भ्रम में है।

विदेश में हमास आंदोलन के राजनीतिक मंडल के प्रमुख ने कहा: हमास एक ऐसा आंदोलन है जिसकी जड़ें फिलिस्तीन में हैं और इसके कई कमांडर हैं और इसे हत्याओं और टारगेट किलिंग से कोई समस्या नहीं है।

सामी अबू ज़ोहरी ने कहा: ज़ायोनी शासन ने युद्धविराम के मौक़े का इस्तेमाल हमास के कमांडरों और नेताओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और उनकी हत्या करने के लिए किया है।

सामी अबू ज़ोहरी ने जोर दिया: हमास के नेताओं और कमांडरों का खून ग़ज़ा के बच्चों और युवाओं के खून से ज़्यादा क़ीमती नहीं है और ये हत्याएं हमें अपना संघर्ष जारी रखने से नहीं रोक पाएंगी।