abhishek upadhyay
@upadhyayabhii
योगी आदित्यनाथ का नया बयान- “बुलडोज़र एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी को सराहा है।”
जबकि आज ही एक अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगायी है और इससे पहले भी कई बार लगा चुका है।
आख़िर CM योगी आदित्यनाथ को इस तरह की ब्रीफ़िंग देता कौन है?
शिशिर सिंह?
मृत्युंजय सिंह?
संजीव सिंह?
या
रहीस सिंह?
Wasim Akram Tyagi
@WasimAkramTyagi
दिल्ली दंगे में भूमिका को लेकर भाजपा नेता
@KapilMishra_IND
के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने केस दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि पुलिस की ओर से दिए गए तथ्य के अनुसार कपिल मिश्रा को इलाके में देखा गया था। आगे की जांच होनी चाहिए। जाने-माने वकील
@MehmoodPracha
की कोशिशों को सलाम! जो आदमी दिल्ली का क़ानून मंत्री हो, उसके खिलाफ कानूनी कार्रावाई का आदेश पारित कराना मुश्किल रहा होगा। लेकिन प्राचा साहब की कोशिशों से पांच साल बाद जाकर कपिल मिश्रा के खिलाफ कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
Mahua Moitra
@MahuaMoitra
Btw when I asked Godi Media why they hadn’t covered
@IPUparliament
castigating
@LokSabhaSectt
for my illegal expulsion they sheepishly said “oh matter now thanda”. Till next time another opposition MP is targeted. Shame
@htTweets
crawl crawl crawl
Shadab Chauhan شاداب چوہان
@shadab_chouhan1
जो राजनीतिक दल कल #WaqfAmendmentBill बिल के समर्थन में वोट करेंगे या सदन से बाहर रहेंगे या जो सांसद कल लोकसभा व राज्यसभा से छुट्टी लेंगे वह खुले तौर पर अपने आप को मुस्लिम विरोधी व संविधान विरोधी घोषित करेंगे और याद रखिए कितना भी ड्रामा कर लेना भारत का मुसलमान और संविधान प्रेमी लोग आपको कभी माफ नहीं करेंगे.
मुझे उम्मीद है कि भाजपा की नफरत भरी राजनीति के जाल में नीतीश जी,नायडू जी, चिराग पासवान जी व जयंत चौधरी जी जैसे नेता नहीं फसेंगे एवं खुलकर इस असंवैधानिक बिल के खिलाफ वोट करने की हिम्मत दिखाएंगे नहीं तो वह दिन भी आएगा जब आपका राजनीतिक अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.
यह समय है संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा दिखाते हुए इस बिल के खिलाफ वोट देकर लोकतंत्र को मजबूत करने का.
Kranti Kumar
@KraantiKumar
■ मुझे तीन बार सूली पर चढ़ाया गया. लगातार तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार. कुछ लोग मुझे नियंत्रण में रखना चाहते हैं. वो चाहते हैं मैं उनकी तरह विचार करूँ.
उनकी विचारधारा को ग्रहण करूँ. उन्हें जो अच्छा लगता है वो लिखूं. उनकी तरह किसी पार्टी का चमचा बन जाऊं.
मुझसे नही हो पाएगा ये सब. मैं किसी सांचे में फिट नही बैठ सकता.
कहानी मेरी है, कहानी में कोई मुझसे जलता है, कोई मुझसे नफरत करता है.
मुझे सपना आया. Friday night, Saturday night और Sunday Night.
बहुत भयंकर सपना था, क्या आप सुनेंगे ?
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Friday night Dream
कांग्रेस का देश पर शासन स्थापित हो चुका है. भारत को सेक्युलर राष्ट्र घोषित कर विपक्षी पार्टियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
देश में खादी पहनना और सिर पर गांधी टोपी पहनना अनिवार्य नियम बना दिया गया. राहुल गांधी के खिलाफ पोस्ट लिखना कानूनी अपराध बना दिया गया.
मैंने सफेद गांधी टोपी पहनने से इंकार कर दिया और शासक राहुल गांधी के खिलाफ दो चार लाइन ट्वीट भी कर दिया.
मुझे गिरफ्तार किया गया. जज के सामने पेश किया गया. कोर्ट में नेहरू, इंदिरा, राजीव और राहुल गांधी की तस्वीर लगी थी.
जज साहब खादी वस्त्र और गांधी टोपी पहनकर बैठे थे. जज ने पूछा क्या नाम है तेरा ?
मैंने कहा क्रांति कुमार.
टोपी क्यों नही पहनता, जानता नही टोपी पहनना अनिवार्य है और राहुल गांधी जी पर पोस्ट लिखना अपराध है.
मैंने कहा अगर यह अपराध है तो यह अपराध मैं बार बार करूंगा.
जज ने कहा इस आदमी को तालकटोरा स्टेडियम में लोगों के सामने पर सूली पर चढ़ा दिया जाए.
Hang till death.
सुबह नींद खुली तो मैं जिंदा था.
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Saturday Night Dream
भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो चुका है. सरसंघचालक देश के सर्वोच्च नेता हैं. सब कुछ उनके कमांड में है.
रोज सुबह योग करना. माँ भारती की आराधना करना अनिवार्य कानून है.
हिन्दू राष्ट्र में वर्ण-आश्रम नियमों अनुसार पेशे निर्धारित किए गए. संविधान को बदल दिया गया. पार्लियामेंट को भगवा रंग में रंग दिया गया.
लाल किले को भी भगवा रंग में रंग दिया गया. लाल किले का नाम भगवा किला कर दिया गया.
गौ-रक्षक अब सैनिक हैं. आर्मी ड्रेस और हाथ हथियार लिए गौ रक्षा करते हैं. सबसे खतरनाक भगवा ब्रिगेड सैनिक हैं. इन्हें नैतिक पुलिसिंग का दायित्व सौंपा गया है.
मैंने भगवा सरकार के खिलाफ ट्वीट कर दिया. भगवा ब्रिगेड ने मुझे गिरफ्तार किया, जेल में टॉर्चर कर न्यायालय में पेश किया.
भगवा वस्त्र पहनने हुए जज ने मुझे रामलीला मैदान में सूली पर चढ़ाने का फरमान सुनाया.
Hang till death.
सुबह नींद खुली तो मैं जिंदा था.
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Sunday Night Dream
भारत में बहुजन सरकार का शासन है. शासक तानाशाह है. देश की सरकारी इमारतों को नीले रंग में रंग दिया.
भगवा किला अब नीला किला हो गया है.
दिल्ली का नाम बदलकर AMBEDKAR CITY कर दिया गया.
जय भीम बोलना अनिवार्य है. मनुस्मृति पर पाबंदी लगा दी गई.
मैंने विरोध किया. मैंने कहा मनुस्मृति की आलोचना होनी चाहिए, इस किताब की निंदा होनी चाहिए, लेकिन किसी भी किताब पर पाबंदी नही लगनी चाहिए.
मुझे गिरफ्तार किया गया. न्यायालय में पेश किया गया. नीली टाई पहने हुए जज ने कहा ज्यादा होशियार बनता है, निकाल दूंगा तेरी सारी चर्बी. बोल जय भीम, बोलेगा या नही ?
मैंने कहा बोलूंगा, जब मेरा मन होगा बोलूंगा लेकिन कोई मुझसे जबर्दस्ती नही बोलवा सकता.
न्यायपालिका के अंदर मेरे खिलाफ नारे लगने लगे. लोग मुझे गालियां देने लगे. कोई अवाकाडो को छिलका बोल रहा था. कोई भ्रांति कुमार बोल रहा था.
नीली टाई जज ने प्रगति मैदान में सूली पर चढ़ाने का आदेश दिया. पूरा कोर्ट जय भीम नारों से गूंज उठा.
Hang till death
सुबह नींद खुली तो मैं जीवित था.
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बहुत भयंकर सपना था, फिलहाल मैं जीवित हूँ. दिल धड़क रहा है, सांसे चल रही है. लिखने पढ़ने का मन कर रहा है, और वो भी करने का बहुत मन करता है, क्या करूँ इंसान हूँ.
Photo : Symbolic (POST REPOST)
prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲
@profapm
गांधी की हत्या के अध्याय को पाठ्यक्रम से निकलवा देना अपने अपराध को छिपाने की साजिश है
ताकि हत्यारे गिरोह से बच्चे परिचित न हो सकें
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सनद रहे
इतिहास गवाह
भगवा तालिबान आतंकवादी गिरोह संघ-भाजपा
सावरकर-गोलवरकर-श्यामाप्रसाद का देश-विभाजक टुकड़े-टुकड़े गैंग नात्सीवादी है
Kranti Kumar
@KraantiKumar
डोनाल्ड ट्रंप को पुतिन पर आया गुस्सा. ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा, अगर यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने में व्लादिमीर पुतिन नाकाम रहे तो वो रशिया के तेल पर 25% टैरिफ लगाएंगे.
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर बमबारी करने की भी धमकी दी तथा ग्रीनलैंड में बल प्रयोग से भी इनकार नहीं किया.
रशिया ज़लेंसकी को यूक्रेन का राष्ट्रपति मानता ही नही. रशिया चाहता है यूक्रेन में UN के सुपरविजन में अस्थायी सरकार बने.
डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर अभी तक व्लादिमीर पुतिन ने जवाब नही आया है. जानकारी के लिए बता दूं अमेरिका के F-35 है तो रशिया के पास सुखोई-57 है. अमेरिका के पास 5044 पटाखे है, तो वहीं रशिया के पास 5580 पटाखे है.
AAP
@AamAadmiParty
कपिल मिश्रा को तुरंत गिरफ्तार करे दिल्ली पुलिस‼️
BJP नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली दंगे भड़काए, जिसकी वजह से लोगों की जान गई, उनके मकान और दुकानें जली। बीजेपी द्वारा इन्हें बचाने की अनगिनत कोशिशों के बाद भी, अदालत ने पाया कि कपिल मिश्रा दंगों के दौरान मौजूद थे और उस पर आगे की जांच की जानी चाहिए।
अब कपिल मिश्रा कैबिनेट मंत्री बने रहने के लायक नहीं है। दिल्ली पुलिस को इन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डालना चाहिए।
ANI
@ANI
#WATCH | Patna, Bihar: On Waqf Amendment Bill, JD(U) leader Ahmad Ashfaque Karim says, “We hope that Chandrababu Naidu, who is a strong soldier of secularism from Andhra, and our CM (Nitish Kumar) will deliberate over this overnight that the Bill be withdrawn…I say this as an individual…I urge the CM to make this Bill be withdrawn…”
prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲
@profapm
पूंजीवाद के अंतिम और चौथे दौर बर्बर उपनिवेशवाद में जब विश्व में केवल एक देश, एक संस्कृति, एक भाषा हो जाती है, एक पूंजीपति का एकछत्र साम्राज्य स्थापित हो जाता है, तब श्रम को सही रूप से लूटा जाता है, जीने के लिए केवल शारीरिक रूप से सक्षम को जिंदा रहने भर का मूल्य दिया जाता है।
तब व्यक्ति के पास अपना कुछ नहीं होता, वह सर्वहारा होता है, सड़क पर होता है।
लेकिन जिजीविषा इस विशाल समुदाय को एकजुट करती है और श्रम के सही मूल्य के लिए यह वर्ग क्रांति माने परिवर्तन करता है और समाजवाद आता है।
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ध्यान देने की बात यह है कि पूंजीवाद के इस दूसरे चरण आर्थिक उपनिवेशवाद से ही भौतिक उत्पादन का आर्थिक आधार बदलने लगता है, पूंजीवादी आधार टूटने लगता है और समाजवादी अर्थतंत्र विकसित होने लगता है।
K P Malik
@TheKPMalik
नए अवतार में दिखेगी भाजपा?
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर संघ प्रमुख मोहन भागवत और पीएम मोदी में सहमति बन चुकी है। नागपुर के कार्यक्रम में पीएम मोदी की बॉडी लैंग्वेज बताती है कि उनका जो रुतबा पहले दिखता था उसमें काफी हद तक कमी आई है। जिसका कारण यह माना जा रहा है कि पीएम मोदी पर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद लगातार संघ और पार्टी के एक खेमे के अलावा एनडीए के सहयोगी दलों का दबाव महसूस कर रहे हैं।
अब पार्टी अध्यक्ष कौन होगा? यह तो अभी कहा नहीं जा सकता, लेकिन वह एक ऐसा नाम होगा जो दोनों की पसंद होगा, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि 2008 से किनारे लगे संजय जोशी की भूमिका अति महत्वपूर्ण होने जा रही है।
दरअसल संघ पीएम मोदी को एक नायक के रूप में देखता है क्योंकि संघ ने जो भी एजेंडा मोदी को दिया था उन्होंने उससे कहीं अधिक करके दिखाया है। इसलिए संघ उनको एक सुरक्षित रास्ता देगा और वह रास्ता देश का राष्ट्रपति पद के रूप में भी हो सकता है। इसके अलावा पार्टी के दूसरी पंक्ति के किन-किन नेताओं की उन्नति और तरक्की होगी, यह जल्दी सबके सामने आ जायेगा।
Mohd Shadab Khan
@VoxShadabKhan
चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने वक़्फ़ संशोधन बिल को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। चंद्रबाबू नायडू की यह पार्टी NDA की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है और इसके 16 सांसद लोकसभा में वक़्फ़ संपत्तियों को कमजोर करने वाले इस बिल के समर्थन में वोट डालेंगे।
चुनाव के वक्त ‘धर्मनिरपेक्षता’ का नकाब पहनकर वोट मांगने वाले आखिरकार सत्ता के लालच में मुसलमानों की पीठ में छुरा घोंप ही देते हैं। यही TDP है, जिसने 2019 में मोदी से अलग होकर सेक्युलर राजनीति का ढोंग किया और अब सत्ता मिलते ही हमारी जमीनों और हक़ पर हमला करने वालों के साथ खड़ी हो गई।
Rahul Gandhi
@RahulGandhi
मोदी सरकार की वन अधिकार अधिनियम की उपेक्षा से लाखों आदिवासी परिवार अपनी पारंपरिक ज़मीन से बेदखली के कगार पर हैं।
2006 में कांग्रेस ने ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने और आदिवासियों को उनके जल, जंगल और ज़मीन पर अधिकार सुनिश्चित करने के लिए वन अधिकार अधिनियम (FRA) लागू किया था। लेकिन केंद्र सरकार की निष्क्रियता के चलते, इस कानून के तहत किए गए लाखों वास्तविक दावे बिना किसी समीक्षा के मनमाने ढंग से खारिज कर दिए गए।
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे सभी लोगों को उनकी ज़मीन से बेदखल करने का आदेश दिया जिनके दावे खारिज हो चुके थे, जिससे देशभर में भारी विरोध हुआ। इसके जवाब में कोर्ट ने बेदखली पर रोक लगाई और खारिज दावों की गहन समीक्षा का निर्देश दिया।
अब कल सुप्रीम कोर्ट में फिर से इस मामले की सुनवाई है — और एक बार फिर, मोदी सरकार लापता है। 2019 में भी वह इस कानून का बचाव नहीं कर सकी थी और आज भी आदिवासी अधिकारों के पक्ष में खड़ी नहीं दिख रही है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि लाखों लंबित और खारिज दावों की समीक्षा या पुनर्विचार के लिए अब तक कोई गंभीर प्रयास नहीं हुआ है।
अगर मोदी सरकार सच में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करना चाहती है और लाखों परिवारों को बेदखली से बचाना चाहती है, तो उसे तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और अदालत में वन अधिकार अधिनियम का मजबूती से बचाव करना चाहिए।
Lakhs of Adivasi families face eviction from their traditional lands as the Modi government disregards the Forest Rights Act
The Congress brought the FRA in 2006 to correct a historic injustice, and to ensure that Adivasis have rights over their jal, jangal and zameen. However, *due to the inaction of the central government*, countless genuine claims under the FRA have been arbitrarily rejected without any review.
In 2019, the Supreme Court ordered the eviction of all those whose claims had been *rejected*, a move that triggered widespread protests across the country. In response, the Court paused evictions and called for a thorough review of the rejected claims.
Now, the case is back before the Supreme Court on April 2nd and once again, the Modi government is missing in action. It failed to defend the law in 2019 and continues to show no intention of standing up for Adivasi rights today. Worse still, there has been no serious attempt to review or reconsider the lakhs of pending and rejected claims.
If the Modi government truly wants to protect Adivasis rights and protect lakhs of families from eviction, it must act swiftly and defend the Forest Rights Act in court.
Vinod Sharma
@VinodSharmaView
कल वक़्फ़ बिल क्यों ला रही है मोदी सरकार ? क्योंकि कल ही टैरिफ़ बढ़ा रही है अमरीका की ट्रम्प सरकार 🙄।कुछ आया समझ मुर्खों ?!
prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲
@profapm
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Mar 31
बलिदानी गोडसे और खुद को वीर लिखने वाले सावरकर के अंतरंग संबंध का यह दस्तावेज है Freedom at Midnight. पृष्ठ संख्या भी है।
Dr. Laxman Yadav
@DrLaxman_Yadav
सपा राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन को लगातार जान से मारने की धमकियाँ क्यों मिल रही हैं? क्या देश में अब एक सांसद भी सुरक्षित नहीं है? क्या ये धमकियाँ इस बात का संकेत हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून का डर खत्म हो चुका है? खुलेआम एक दलित सांसद पर कथित सवर्ण जातियों की सेना का हमला क्या दर्शाता है? और दलितों पर बढ़ते अत्याचारों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और RSS प्रमुख मोहन भागवत जी ने क्या कहा था? सुनिए विस्तार से मेरी एक टिप्पणी।
RT Hindi
@RT_hindi_
🇮🇳🇨🇳 व्यापार में बदलाव? नई दिल्ली में चीनी राजदूत ने कहा- चीन अधिक भारतीय सामान खरीदने के लिए तैयार
ग्लोबल टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में राजदूत शू फेइहोंग ने कहा, बीजिंग नई दिल्ली के साथ व्यापार और अन्य क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करने और चीनी बाजार के अनुकूल अधिक भारतीय उत्पादों का आयात करने के लिए तैयार है।
वित्त वर्ष 2023-24 में चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 101.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत को व्यापार घाटे का सामना करना पड़ा। नई दिल्ली के प्रमुख निर्यातों में पेट्रोलियम तेल, लौह अयस्क, समुद्री उत्पाद और वनस्पति तेल शामिल हैं, जिनका कुल मूल्य 16.6 अरब डॉलर रहा।
prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲
@profapm
जानिए
क्या हाल था हिटलर के समय जर्मनी का
और देखिए
आज क्या हाल है हिन्दू-राष्ट्र का