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जो कुछ, खान यूनुस, जबालिया और अश्शुजायिया क्षेत्रों में ज़ायोनी सैनिकों के खिलाफ़ हुआ, वह….

पार्स टुडे – एक अरब सैन्य और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ ने फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध की कार्रवाइयों, विशेष रूप से हमास के सैन्य विंग “शहीद इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड्स” द्वारा ग़ज़ा पट्टी में ज़ायोनी सैन्य बलों के ख़िलाफ़ किए गए अभियानों को युद्ध के क्षेत्र में एक रणनीतिक परिवर्तन बताया है।

पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार रामी अबू ज़ुबैदा, जो एक अरब सैन्य और सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ हैं, ने कहा कि अल-क़स्साम ब्रिगेड्स द्वारा ‘दाऊद का पत्थर’ नाम से जो घातक हमले किए गए हैं, वे फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध की क्षेत्रीय कार्यवाही में एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाते हैं और इस बात का प्रमाण हैं कि अब इस संघर्ष में पहल फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के हाथ में है।”

फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक उन्होंने आगे कहा: कि जो कुछ, खान यूनुस, जबालिया और अश्शुजायिया क्षेत्रों में ज़ायोनी सैनिकों के खिलाफ़ हुआ, वह केवल मार्ग में बम विस्फोट नहीं था, बल्कि यह एक जटिल और सुनियोजित अभियान था, जिसमें बौद्धिक योजना, सटीक ढ़ंग से बम लगाना और इस्राइली सैनिकों को सुनियोजित रूप से घात लगाकर फँसाना शामिल था जो गहन क्षेत्रीय निगरानी और सटीक जानकारी के आधार पर किया गया।

इस विशेषज्ञ ने ज़ोर देकर कहा: इस्राइल की अतिग्रहणकारी सेना की विशेष इकाइयों, विशेष रूप से गिवाती ब्रिगेड और 98वीं कमांडो ब्रिगेड को जो जानी क्षति हुई है, उसने इस्राइली सुरक्षा संस्थानों के भीतर एक भूकंप खड़ा कर दिया है खासकर ऐसे समय में जब थल सैनिकों की तैयारी में कमज़ोरी और टैंकों व हथियारों की निष्क्रियता व विफलता की रिपोर्टें सामने आ रही हैं।

अबू ज़ुबैदा ने आगे कहा: ऑपरेशन का नाम, दाऊद का पत्थर, रखना ज़ायोनी सैन्य अभियान ‘गिदओन की गाड़ी’ के जवाब में कोई संयोग नहीं है। दाऊद को मुसलमानों और यहूदियों दोनों में एक कमजोर युवा के रूप में जाना जाता है जिसने अत्याचारी जालूत को पराजित किया। यह इस बात का संकेत है कि इच्छा शक्ति, आस्था और रणनीति के दम पर सीमित संसाधनों वाला पक्ष भी अत्यधिक हथियारों से लैस दुश्मन को पराजित कर सकता है।

इस विशेषज्ञ ने स्पष्ट किया: यह अभियान ग़ाज़ा में युद्ध की रणनीति में संतुलन के बदलाव को दर्शाता है और यह दिखाता है कि अल-क़स्साम ब्रिगेड्स, नाकेबंदी और विनाशकारी बमबारी के बावजूद अब भी इंजीनियरिंग और लॉजिस्टिक्स की पर्याप्त क्षमता रखती है। इन कार्यवाहियों को अंजाम देने के लिए सटीक जानकारी और इस्राइली बलों की गतिविधियों का विश्लेषण आवश्यक था। यह दिखाता है कि प्रतिरोध बलों की एक लचीली संगठनात्मक संरचना है जो एक ही समय में विस्फोटक जाल बिछाने, निगरानी करने, पीछे हटने और अग्नि समर्थन देने की क्षमता रखती है।

अबू ज़ुबैदा ने अंत में कहा: ये हमले दुश्मन से पहल छीन लेते हैं और उसके सैनिकों को युद्ध क्षेत्र में चलते-फ़िरते लक्ष्यों में बदल देते हैं। साथ ही यह उस नियंत्रण की कमज़ोरी को उजागर करता है जिस पर इस्राइली अतिग्रहणकारी गर्व करते हैं।

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