उत्तर प्रदेश राज्य

गोरखपुर : रामदयाल ने दादा उनके भाई और दादी को कुल्हाड़ी से काट डाला : रिपोर्ट

गोरखपुर के झंगहा इलाके में शुक्रवार की भोर में मानसिक रूप से विक्षिप्त एक युवक ने भैंस को मारने से मना करने पर अपने दादा उनके भाई और दादी को कुल्हाड़ी और फावड़े से काट डाला। दादी के तो सिर के ही टुकड़े हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को कुल्हाड़ी और फावड़े के साथ गिरफ्तार कर लिया। किसी तरह जान बचाकर भागी आरोपी की मां की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है।

मोतीराम अड्डा के कोइरान टोला निवासी कुसमावती पत्नी विजय बहादुर मौर्य ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि उनका बेटा रामदयाल (25) मानसिक रूप से बीमार है। उसका इलाज चल रहा है।

शुक्रवार को तड़के करीब पांच बजे रामदयाल भैंस को कुल्हाड़ी से मारने लगा। दादा कुबेर (72) ने उसे रोकने की कोशिश की तो उन पर कुल्हाड़ी और फावड़े से हमला कर दिया। बीच बचाव करने आई दादी द्रौपदी देवी (70) और कुबेर के बड़े भाई साधू (75) पर भी कुल्हाड़ी लेकर टूट पड़ा। दादी के सिर और जबड़े के टुकड़े हो गए।

Gorakhpur Triple Murder killer Says Ravan was killing he also killed the demons who were obstructing him

रामदयाल की सनक देखकर मां कुसमावती जान बचाने के लिए भाग गईं। रामदयाल के हमले से लहूलुहान होकर कुबेर, द्रौपदी और साधू जमीन पर गिरकर तड़पते रहे। तीनों बुजुर्गों की मौत होने तक आरोपी उनके पास बैठा रहा। कुल्हाड़ी लिए बैठे रामदयाल का सनकी रूप देखकर कोई ग्रामीण या पड़ोसी बुजुर्गों की मदद के लिए आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा सका।

वारदात की सूचना पर एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव गांव में पहुंचे और ग्रामीणों से पूछताछ कर छानबीन की। वहीं फारेंसिक टीम ने भी साक्ष्य एकत्रित किए।

Gorakhpur Triple Murder killer Says Ravan was killing he also killed the demons who were obstructing him

दो दिन पहले पुलिस से छुड़ाया था दादा-दादी ने
रामदयाल पिछले एक सप्ताह से उग्र था। उसका एक्सीडेंट हुआ था, जिसके बाद से अजीब हरकतें कर रहा था। ग्रामीणों का कहना था कि काश कुबेर और उनकी पत्नी ने दो दिन पहले पोते रामदयाल को पुलिस से नहीं बचाया होता तो वह जिंदा होते। बताया कि रामदयाल ने दो दिन पहले गांव के रहने वाले सुरेश यादव के बेटे नीरज को लाठी से मार दिया था। इसके बाद राजेंद्र मौर्य को हंसिए से मारा था।

इस मामले में पुलिस रामदयाल को थाने ले जा रही थी, लेकिन कुबेर और उनकी पत्नी ने विनती करके उसे छुड़ा लिया था। पुलिसकर्मियों ने पूछा था कि राम दयाल की दवा करा रहे हैं तो कुबेर ने कहा था कि सोखा को दिखाया है। उन्होंने भभूत दिया है। इस पर पुलिस वालों ने अच्छे डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी थी।

Gorakhpur Triple Murder killer Says Ravan was killing he also killed the demons who were obstructing him

आरोपी रामदयाल की मां कुसमावती

ग्रामीण बोले
दो दिन पहले रामदयाल ने मेरे बेटे पर हमला किया था, इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस मौके पर आई और बिना कोई कार्रवाई किए चली गई। अगर पुलिस ने कार्रवाई कर दी होती तो आज तीन बुजुर्गों की जान बच जाती।- सुरेश यादव, ग्रामीण

तीन पीढ़ियों से परिवार में मानसिक बीमारी की समस्या है। बीते बृहस्पतिवार को शाम सात बजे भी वह रामदयाल ने हंगामा किया था। धारदार हथियार लेकर सड़कों पर घूम रहा था। गांव में अफरा तफरी का माहौल था।- इंद्रेश मौर्या, ग्रामीण

इस परिवार से गांव के लोग कम ही मतलब रखते थे। हमेशा इनके परिवार में झगड़ा होता था। कोई छुड़ाने भी नहीं जाता था। तंत्र-मंत्र में ही लगे रहते थे, अच्छे से इलाज कराते हो तो उसका लाभ होता।- जितेन्द्र मौर्या, ग्रामीण

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आरोपी रामदयाल का पिता विजय बहादुर मौर्य

आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया गया है। वह मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है। मां की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।- जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, एसपी उत्तरी

‘रावण वध कर रहा था… बाधक बने राक्षसों का भी कर दिया अंत’

गोरखपुर के झंगहा में तीन बुजुर्गों के हत्यारोपी मानसिक रूप से विक्षिप्त बताए जा रहे रामदयाल ने पुलिस की पूछताछ में कहा कि वह रावण वध कर रहा था, इसमें बाधक बने राक्षसों का भी अंत कर दिया। भैंस के बच्चे को रावण बता रहे रामदयाल ने कहा कि मेरे और भगवान के बीच में जो आएगा उसे मार दूंगा। पुलिस टीम उसे थाने ले जाने लगी तो रास्ते भर कहता रहा कि मैं रातभर पैदल चलता रहता हूं, मेरे प्रभु भी पैदल ही चलते थे।

मोतीराम अड्डा के कोईरान टोला निवासी कुबेर के परिवार में तीन पीढ़ियों से लोग मानसिक बीमारी के शिकार होते आ रहे हैं। गांव के लोगों का कहना है कि कुबेर के घर में बुरी आत्मा का वास बताते हुए एक साल पहले एक तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र किया था। इसके एवज में उसने 50 हजार रुपये लिए थे और बुरी आत्मा को शांत करने के लिए घर में मिट्टी की एक पिंडी बनाई थी जिसकी परिवार के सदस्य रोजाना पूजा करते थे।

कोईरान टोला के लोगों का कहना है कि कुबेर दो भाई थे। कुबेर के भाई साधू ने शादी नहीं की थी, उनको भी मानसिक बीमारी थी। वहीं कुबेर और उनकी पत्नी द्रौपदी देवी के दो बेटे विजय बहादुर और मेवा लाल हैं। दोनों भाई का मानसिक रोग का इलाज चलता है। विजय बहादुर और उनकी पत्नी कुसमावती का इकलौता बेटा आरोपी रामदयाल भी मानसिक विक्षिप्त है।

अजीब हरकतें करने की वजह से उसका भी इलाज चलता है। ग्रामीणों ने बताया कि पूरे परिवार की जिम्मेदारी कुबेर पर ही थी और सब्जी की खेती करके परिवार चलाते थे। घर में झगड़ा होने पर कुबेर ही सबको समझाकर शांत कराते थे। वह दवा से इलाज के साथ तंत्र-मंत्र कराकर घर में शांति का माहौल बनाना चाहते थे।

इस तरह दिया घटना को अंजाम
कोईरान टोला में घर से 200 मीटर दूर कुबेर ने पशुओं को रखने के लिए गोशाला बनवाई थी जहां पर गाय-भैंस पाले हुए थे। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार को तड़के पांच बजे के करीब गोशाला में रामदयाल को भैंस के पड़वा ने धक्का दे दिया। इसके बाद वह फावड़े से उसे मारने लगा। पड़वा को लहूलुहान देखकर दादी और कुबेर और उनकी पत्नी और साधू रोकने आए। इस पर रामदयाल उनकी तरफ हमला करने लिए दौड़ा।

डर की वजह से कोई आगे नहीं आया
तीनों बुजुर्ग भागे तो रामदयाल फिर जाकर पड़वा को मारने लगा, तभी दूर से ही द्रौपदी ने चिल्लाकर रामदयाल को मना किया। इसके बाद वह पड़वा को छोड़कर एक हाथ में कुल्हाड़ी और दूसरे में फावड़ा लिए दादी को मारने के लिए दौड़ा। इसके बाद घर की तरफ भाग रहे तीनों बुजुर्ग को दौड़ा-दौड़ाकर उसने मारकर लहूलुहान कर दिया। यह देखकर सहमी रामदयाल की मां कुसमावती खेतों के रास्ते भागी और गांव के लोगों से मदद की गुहार लगाई। गांव के लोग पहुंचे तो वह खून से सनी कुल्हाड़ी लिए घायल पड़े बुजुर्गों के पास बैठा दिखा। डर के मारे को आगे नहीं बढ़ सका। रामदयाल शव के पास थोड़ी देर तक बैठा रहा, इसके बाद घर जाकर अपने कमरे में भीतर से दरवाजा बंर करके बैठ गया।

घर के पुरुषों को रही है मानसिक समस्या
ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि कुबेर के परिवार के पुरुष सदस्यों को मानसिक समस्या रही है। कुबेर का भी 1990 के आसपास इलाज हुआ था। उनका बड़ा बेटा मेवालाल भी मानसिक रूप से अस्वस्थ हुआ था। वह महिलाओं को परेशान करता था। आरोपी के पिता विजय बहादुर भी मानसिक बीमार है, तीन लोगों की मौत के बाद भी उनकी आंख में आंसू नहीं थे, पत्नी कुसमावती भी चुपचाप शांत बैठी रही, पूरे घर में कोई रोने वाला नहीं था।

एयरपोर्ट रनवे पर साइकिल से पहुंच गया था चाचा
ग्रामीणों ने बताया कि रामदयाल का चाचा मेवालाल चार साल पहले जेल से छूटकर आया है। वह छेड़छाड़ के मामले में 10 साल से अधिक समय तक जेल में ही रहा है। जब तक वह गांव में था, महिलाओं का निकलना मुश्किल था। इसके अलावा वह 10 साल पहले एयरपोर्ट के रनवे पर साइकिल लेकर पहुंच गया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था।

एक चिता पर जले तीन शव, टूट गई थी सिर की हड्डी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अपराह्न तीन बजे तीनों बुजुर्गों का पोस्टमार्टम हुआ। डॉक्टरों का कहना था कि तीनों के सिर और चेहरे पर चोट थी। सिर की हड्डियां टूट गई थी। इसके बाद शाम को कोईरान टोला में शव पहुंचा, जहां से एक साथ तीन अर्थियां निकलीं। झंगहा के गौरीघाट पर एक ही चिता पर तीनों शव रखे गए, मेवालाल ने दाह संस्कार किया। इस दौरान गांव के लोग भी मौजूद रहे।

विशेषज्ञ बोले
यह बाई पोलर डिसऑर्डर का मामला हो सकता है। इसकी वजह से व्यक्ति अचानक उग्र स्वभाव का हो जाता है। यह भी एक प्रकार का मानसिक विकार है। मानसिक विकार आनुवंशिक भी हो सकता है और केमिकल डिसबैलेंस का भी असर हो सकता है। इस मामले में युवक की केस हिस्ट्री का अध्ययन करने पर ही यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि ऐसा किस वजह से हुआ है। कई बार ऐसी घटनाएं परिस्थितिजन्य कारकों से भी हो जाती हैं।- रामेंद्र नाथ त्रिपाठी, क्लीनिकल मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल