नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े आलोचक और गुजरात प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. 1998 पालनपुर ड्रग प्लांटिंग केस में हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई हुई है. एक वकील को झूठे मामले में फंसाने को लेकर भट्ट समेत 7 लोगों से पुलिस ने पूछताछ की.
Dismissed IPS officer Sanjiv Bhatt has been detained by CID (Crime) of Gujarat in connection with Palanpur drug planting case of 1998. Probe underway after HC orders. Interrogation of Sanjiv Bhatt & seven others underway. 2 more former police officers also involved.
— ANI (@ANI) September 5, 2018
कुल सात लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनमें तीन पूर्व आईपीएस अधिकारी शामिल हैं. रिटायर्ड पीआई व्यास से भी पूछताछ चल रही है. सीआईडी का कहना है कि जिन्हें हिरासत में लिया गया है, उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।
गौरतलब है कि संजीव भट्ट जब बनासकांठा के डीसीपी थे, उस वक्त एक वकील को नार्कोटिक्स के झूठे मामले में फंसाने का उनपर आरोप है. उस वक्त करीब 8 ऐसे नार्कोटिक्स मामले थे जिसमें विवाद हुआ था. इनमें कुछ आरोपी राजस्थान के हैं. राजस्थान के आरोपियों ने संजीव भट्ट पर झूठा केस दायर कर उनसे पैसे एंठने का आरोप लगाया था. फिलहाल गांधीनगर सीआईडी क्राइम ब्रांच में उनसे पूछताज की जा रही है।
विवादों से संजीव भट्ट का नाता
अकसर विवादों में रहने वाले संजीव भट्ट के घर पर पिछले दो महीने पहले अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) का हथौड़ा चला था. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने संजीव भट्ट के घर के निर्माण को लेकर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे गिराने का आदेश दिया था. इसके बाद अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशनने आदेश का पालन करते हुए कुछ ही देर बाद उनके घर पर किए गए अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया।
संजीव भट्ट की अवैध निर्माण की ये कानूनी लड़ाई काफी लंबी रही. पूर्व आईपीएस के खिलाफ अवैध निर्माण को लेकर उनके पड़ोसी जयंत पटेल ने ही पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक याचिका दायर की थी. संजीव भट्ट के खिलाफ याचिका करने वाले जंयत पटेल का कहना है कि 2012 में गुजरात हाईकोर्ट ने दो बार फैसला दिया लेकिन संजीव भट्ट उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गए. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे तोड़ने का फैसला दिया है।
संजीव भट्ट हाल ही में तब चर्चा में आए थे जब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद हो रहा था. गुजरात कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी और पीएम मोदी के बड़े आलोचक संजीव भट्ट ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताया था और साथ ही उनके योगदान पर गर्व करने की भी बात कही थी।