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खंडहरों के बीच में इफ़्तार : फ़िलिस्तीनी बच्चे पेड़ों की पत्तियों से पेट भर रहे हैं!

पार्सटुडे- ग़ज़ा शहर के पूर्व में “अल-तुफ़्फ़ाह” मोहल्ले में एक घर पर ज़ायोनी सेना के हवाई हमले में 4 बच्चों सहित पांच फ़िलिस्तीनी शहीद और कई अन्य घायल हो गए।

7 अक्टूबर, 2023 को ग़ज़ा पट्टी पर हमला शुरू करने वाले ज़ायोनी शासन ने इस क्षेत्र में एक अस्थायी युद्धविराम स्थापित किया था, लेकिन इस शासन ने हमेशा युद्धविराम का उल्लंघन करके ग़ज़ा पर हमला किया है और नए दौर में ग़ज़ा पट्टी के विभिन्न क्षेत्रों पर व्यापक हमले किए हैं।

पार्सटुडे के अनुसार, ग़ज़ा पट्टी के खान यूनिस के “हमद” के केन्द्र में स्थित “दैरे बलह” शहर में और ग़ज़ा पट्टी के दक्षिण में रफ़ा शहर के पश्चिमी हिस्सों को इस्राईल ने हमलों का निशाना बनाया ।

ग़ज़ा पट्टी के केंद्र में अल-नुसैरात कैंप पर ज़ायोनी शासन के हवाई हमले में कई फ़िलिस्तीनी शहीद और घायल हो गए। ग़ज़ा पट्टी के उत्तर में जेबालिया में एक घर पर बमबारी में भी एक शहीद और कई घायल हो गए।

इज़राइली लड़ाकू विमानों ने भी शनिवार सुबह उत्तर में स्थित बैते लाहिया और दक्षिण में स्थित रफ़ा पर बमबारी की।

इन हमलों के बाद ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने एलान किया कि ग़ज़ा पट्टी के विभिन्न इलाकों में मंगलवार सुबह से दुश्मन के सामूहिक क़त्लेआम में 710 फिलिस्तीनी शहीद और 900 से अधिक अन्य घायल हो गए। इन हमलों में घायल हुए लोगों में 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।

ग़ज़ापट्टी में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि 7 अक्टूबर, 2023 से ग़ज़ा के खिलाफ ज़ायोनी शासन के नरसंहार युद्ध में शहीदों की संख्या 49 हज़ार 600 से अधिक हो गई है जबकि घायलों की संख्या 1 लाख 12 हज़ार 950 हो गई है।

ग़ज़ापट्टी के खिलाफ अमेरिका की हरी झंडी के साथ ज़ायोनी शासन द्वारा हमलों के नए दौर की शुरुआत के बाद, इस क्षेत्र का कोई भी इलाक़ा इन हमलों से नहीं बचा है और ज़ायोनी शासन ने आवासीय घरों, स्कूलों, प्रवासी केंद्रों और तंबुओं को निशाना बनाया है जहां शरणार्थी रहते हैं।

वाइट हाउस ने एलान किया है कि ग़ज़ा पर नए हमले से पहले इज़राइली शासन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के प्रशासन से परामर्श किया था।

ईरान, अरब लीग, सऊदी अरब, क़तर, जॉर्डन, मिस्र, रूस, तुर्की, यूनिसेफ और इस्लामिक सहयोग संगठन ने कड़े बयान जारी करके ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के नये हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है।

फ़िलिस्तीनी बच्चा खाने के लिए पत्तियां जमा कर रहा है

इस संबंध में मानवीय संगठनों ने बार-बार चेतावनी दी है कि ग़ज़ा पट्टी में व्यापक अकाल से हजारों बच्चों और महिलाओं का जीवन ख़तरे में पड़ गया है।

इस क्षेत्र के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले युद्ध के दौरान सामने आने वाली तस्वीरों और रिपोर्टों से पता चला कि लोगों ने, विशेषकर बच्चों ने, खाना तलाश करने के लिए पेड़ों की पत्तियों और जानवरों के चारों का सहारा लिया है जबकि गंभीर कुपोषण के कारण कई बच्चों की मृत्यु हो गई।

खंडहरों के बीच में ग़ज़ा के लोगों का इफ्तार

कुछ स्थानों पर, फिलिस्तीनी पुरुष और महिलाएं हालिया हमलों में मारे गए प्रियजनों की अनुपस्थिति में, मस्जिदों और स्कूलों के खंडहरों के बीच अपना रोज़ा खोला।

ग़ज़ा की सेहरी, अंधेरे, भूख और भय के अलावा कुछ भी नहीं है, केवल कुछ प्लास्टिक के पानी के कंटेनर और थोड़ी मात्रा में भोजन वाले परिवार सीमित सहायता प्राप्त करने की आशा के साथ रमजान के कठिन दिन गुज़ार रहे हैं।

अक्टूबर 2023 में ज़ायोनी शासन के क्रूर हमलों की शुरुआत के बाद से ग़ज़ा पट्टी एक तबाह क्षेत्र में बदल गई है। संपूर्ण नाकाबंदी के साथ, शासन ने भोजन, दवा और ईंधन के प्रवेश को लगभग पूरी तरह से रोक दिया है।

अल-क़स्साम ब्रिगेड का ज़ायोनी शासन के ठिकानों पर मिसाइल हमला

ग़ज़ापट्टी और अन्य फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में ज़ायोनी शासन द्वारा किए गए अपराधों के जवाब में, हमास आंदोलन की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड ने दो रॉकेटों से अश्कलोन में शासन के ठिकानों को निशाना बनाया।

इससे पहले, ज़ायोनी शासन के मीडिया ने बताया था कि अश्कलोन क्षेत्र में ख़तरे का सायरन बज गया। यह दूसरा दिन है जब फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ने ज़ायोनी शासन के ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया है। फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ने गुरुवार को तेल अवीव को भी तीन मिसाइलों से निशाना बनाया था।