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एक स्टोर रूम में आग लगी थी….उनके सरकारी आवास से भारी मात्रा में कैश मिला है!

प्रयागराज में हुए बार एसोसिएशन की आम सभा की मीटिंग के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने पत्रकारों से बात की है.

उन्होंने कहा, “हमने 11 प्रस्ताव पारित किए हैं. पहला प्रस्ताव है कि किसी भी कीमत पर इनका (जस्टिस यशवंत वर्मा) का ट्रांसफर हम यहां बर्दाश्त नहीं करेंगे. आज नहीं हुआ है और आगे भी नहीं होना चाहिए.”

“दूसरा हम सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से अपील कर रहे हैं कि उनके (जस्टिस यशवंत वर्मा) ख़िलाफ़ एफ़आईआर फ़ाइल करने के लिए तुरंत सीबीआई और ईडी को परमिट करें. जिस तरह से एक राजनेता और ब्यूरोक्रेट का ट्रायल होता है उसी तरह से उनका (जस्टिस यशवंत वर्मा) ट्रायल भी हो क्योंकि जो घटना हुई है वो घटना किसी न्यायिक कार्य की घटना नहीं है.”

उन्होंने ये भी बताया कि बार एसोसिएशन ने सरकार से जस्टिस यशवंत वर्मा के ख़िलाफ़ महाभियोग की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की अपील की है, जिससे सुबूतों के साथ छेड़छाड़ ना हो.

इसके अलावा उन्होंने कॉलेजियम प्रणाली पर भी सवाल उठाए.

उन्होंने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली केवल उन्हीं लोगों को मौका देती है, जो या तो किसी जज के परिवार से आते हैं, किसी प्रतिष्ठित वकील के परिवार से जुड़े होते हैं या फिर मौजूदा न्यायाधीशों के करीबी होते हैं.

उन्होंने कहा, “कॉलेजियम प्रणाली पर संशय व्यक्त करते हुए बार एसोसिएशन इसको बदलने की मांग की है.”

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि बार एसोसिएशन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा द्वारा दिए गए फैसलों की पुनः जांच कराने की मांग की है.

जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफ़र को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने लिया फ़ैसला

जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक बड़ा फ़ैसला लिया है. यह फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 20 और 24 मार्च को हुई बैठक में लिया.

कॉलेजियम ने इस बैठक में जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने की सिफ़ारिश की है.

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा पर आरोप लगे हैं कि नई दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास से भारी मात्रा में कैश मिला है.

14 मार्च को उनके आवास के एक स्टोर रूम में आग लगी थी, जहां पर कथित तौर पर उनके घर से बड़ी मात्रा में कैश मिला था.

इसके बाद जस्टिस यशवंत वर्मा पर लगे आरोपों के बाद 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक रिपोर्ट को सार्वजनिक की थी.

इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से दी गई कुछ फ़ोटो और वीडियो भी शामिल थे जिनमें जले हुए नोट नज़र आ रहे थे.

हालांकि, इस रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को ‘रिडेक्ट’ किया गया है, यानी काले रंग से छिपाया गया है.

जस्टिस यशवंत वर्मा को नहीं सौंपी जाएगी न्यायिक ज़िम्मेदारी

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को कुछ समय तक कोई न्यायिक ज़िम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी. इस फ़ैसले की जानकारी दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय ने दी है.

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा पर आरोप लगे हैं कि नई दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास से भारी मात्रा में कैश मिला है.

14 मार्च, 2025 को उनके आवास के एक स्टोर रूम में आग लगी थी, जहाँ पर कथित तौर पर उनके घर से बड़ी मात्रा में कैश मिला था.

फ़िलहाल जस्टिस यशवंत वर्मा के ख़िलाफ़ ‘इन-हाउस’ जांच प्रक्रिया जारी है. इसके लिए चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया संजीव खन्ना ने तीन जजों की कमिटी बनाई है.

इस बारे में, 22 मार्च 2025 की रात सुप्रीम कोर्ट ने एक रिपोर्ट सार्वजनिक की थी. उसमें दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डीके उपाध्याय की इस घटना पर रिपोर्ट और जज यशवंत वर्मा का बचाव है.