ईरान ने मंगलवार देर रात इसराइल की ओर सैकड़ों मिसाइलें दागीं. इनमें से कम से कम कुछ मिसाइलें इसराइली क्षेत्रों में गिरी हैं.
इस साल इसराइल पर ईरान का ये दूसरा हमला है. अप्रैल में भी ईरान ने इसराइल पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए थे.
इसराइली सेना के अधिकारियों का कहना है कि ईरान के ये हमले अब थम गए हैं और अभी कोई ख़तरा नहीं है.
लेकिन ये अब भी साफ़ नहीं है कि इस हमले के कारण कितना नुक़सान हुआ है.
हालांकि इसराइल के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि मंगलवार रात ईरान ने 181 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं और इसमें एक फ़लस्तीनी व्यक्ति की मौत हुई है. इसराइल ने इसका वीडियो भी डाला है, जिसमें दिख रहा है कि एक व्यक्ति सड़क पर जा रहा था, तभी वह हमले की चपेट में आ गया. यह वीडियो इसराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक का बताया जा रहा है.
इसराइल ने कहा कि ईरानी शासन ख़तरनाक है और दुनिया की शांति के लिए ख़तरा है.
ईरान का ये हमला कितना बड़ा था?\
अप्रैल की तुलना में ये थोड़ा बड़ा हमला है. पाँच महीने पहले यानी अप्रैल में ईरान ने इसराइल पर क़रीब 110 बैलिस्टिक मिसाइल और 30 क्रूज़ मिसाइलों से हमला किया था.
इसराइली टीवी पर दिखाए गए फ़ुटेज में स्थानीय समयानुसार शाम 7 बजकर 45 मिनट (भारत के हिसाब से रात के 10 बजकर 15 मिनट ) से कुछ देर पहले तेल अवीव और उसके नज़दीकी इलाक़ों के ऊपर से मिसाइल उड़तीं नज़र आईं.
सैन्य अधिकारियों ने पुष्टि की कि हमले के दौरान कुछ मिसाइलें तय निशाने पर लगीं. सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये हमले इसराइल के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में हुए थे.
वहीं, ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) का कहना है कि उनकी सेना ने पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया और 90 फ़ीसद प्रोजेक्टाइल्स (मिसाइल/ड्रोन) सटीक निशाने पर लगे हैं.
आईआरजीसी के सूत्रों ने ईरान के सरकारी मीडिया से कहा है कि हमले का निशाना तीन इसराइली सैन्य ठिकाने थे.
लेकिन इसराइली सेना ने ज़ोर देकर कहा है कि ‘’बड़ी संख्या में’’ ईरान की तरफ़ से दागी जा रही मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया.
तेल अवीव के ऊपर आसमान में चमकती रोशनी दिख रही थी, जो ये बताती है कि इसराइली एयर डिफ़ेंस ने मिसाइलों को रोक दिया..
यरूशलम में मौजूद बीबीसी संवाददाताओं ने कहा है कि उन्हें कम से कम दो मिसाइलों के इंटरसेप्ट करने की आवाज़ सुनाई दी है.
वहीं इसराइल के डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें अभी तक किसी के गंभीर रूप से घाययल होने की कोई सूचना नहीं मिली है.
हालांकि, छर्रे लगने से दो लोग लोग मामूली रूप से घायल हो गए. सेना ने भी ऐसे ही संदेश जारी किए हैं.
ईरान ने इसराइल पर हमला क्यों किया?
ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) ने एक बयान में कहा है कि ये हमले आईआरजीसी के एक टॉप कमांडर और ईरान-समर्थित मिलिशिया गुटों के नेताओं की हत्या के जवाब में किए गए हैं.
आईआरजीसी के बयान में हिज़्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह और बीते हफ़्ते बेरूत में आईआरजीसी के कमांडर अब्बास निलफोरोशन की मौत का ज़िक्र किया गया.
वहीं जुलाई महीने में तेहरान में हमास के पॉलिटिकल विंग के प्रमुख इस्माइल हनिया की मौत का भी बयान में ज़िक्र है. हालांकि, इसराइल ने हनिया की मौत की ज़िम्मेदारी नहीं ली है लेकिन ऐसा मानना है कि इसके पीछे इसराइल का ही हाथ था.
एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि देश के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने व्यक्तिगत रूप से इन हमलों का आदेश दिया था.
ये हमले इन दो शक्तियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे छद्म युद्ध में बढ़ा ताज़ा तनाव है.
असल में ईरान इसराइल के अस्तित्व को ही स्वीकार नहीं करता है. ईरान की सैन्य नीति में इसराइल केंद्र में रहता है.
वहीं इसराइल, ईरान को अपने अस्तित्व के लिए ख़तरा मानता है और वो सालों से उसके ख़िलाफ़ गुप्त अभियान चलाता आया है.
क्या आयरन डोम ने मिसाइलों को रोका?
इसराइल के पास एयर डिफ़ेंस के लिए एक बड़ा सिस्टम है. इसमें सबसे अधिक प्रसिद्ध आयरन डोम है.
आयरन डोम को हमास और हिज़्बुल्लाह की तरफ़ से दागी गई कम दूरी की रॉकेटों को रोकने के लिए तैयार किया गया है.
अप्रैल में ईरान ने जो हमला किया था, उस दौरान एयर डिफ़ेंस के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन मंगलवार को जो हमला हुआ, उसमें एयर डिफेंस सिस्टम के बाकी चीज़ों ने भी काम किया होगा.
जैसे, ”डेविड्स स्लिंग”, जिसे ”जादू की छड़ी” भी कहा जाता है. ये एक अमेरिकी-इसराइली सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल मध्यम से लंबी दूरी के रॉकेटों को रोकने, साथ ही बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों को रोकने के लिए किया जाता है.
और जब बात लंबी दूरी की मिसाइलों की हो, जो धरती के वायुमंडल के बाहर उड़ती हैं, तो ऐसे में इसराइल एरो-2 और एरो-3 इंटरसेप्टर्स का इस्तेमाल करता है.
इसराइल के सहयोगियों ने क्या-क्या कहा?
व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्षेत्र में पहले से तैनात अमेरिकी सेना को आदेश दिया कि वो ईरानी हमलों से इसराइल की रक्षा करे और ईरानी मिसाइलों को मार गिराए.
अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी नौसेना ने इसराइल की ओर दागी जाने वालीं क़रीब एक दर्जन ईरानी मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया.
बीबीसी ने उन वीडियो की भी पुष्टि की है, जिसमें जॉर्डन की राजधानी अम्मान के ऊपर मिसाइलों को इंरसेप्ट करते हुए देखा गया. बीते अप्रैल में हुए ईरानी हमलों के दौरान भी कई मिसाइलों को मार गिराया गया था.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से फ़ोन पर बात की है और कड़े शब्दों में इन हमलों की निंदा की है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने डाउनिंग स्ट्रीट में कहा, ‘’हम इसराइल के साथ खड़े हैं और हम ये मानते हैं कि आक्रामकता के सामने उन्हें अपनी रक्षा करने का पूरा हक़ है. ईरान को अपने समर्थित गुटों, जैसे हिज़्बुल्लाह के साथ मिलकर इन हमलों को बंद करना होगा.‘’
ब्रिटेन ने ये संकेत दिया कि ब्रिटिश बलों ने “टकराव को और बढ़ने से रोकने की कोशिशों में अपनी भूमिका निभाई.” हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि ब्रिटेन ने सैन्य तौर किस स्तर तक अपनी भागीदारी निभाई.