धर्म

इस किताब में इमाम ज़ैनुल आबेदीन की 54 दुआये हैं जिसे इमाम ने बोलकर लिखवाया है!

पार्सटुडे- इमाम ज़ैनुल आबेदीन की एक लिखित रचना व किताब है जो मुसलमानों के मध्य क़ुरआन की बहन, अहलेबैत की इंजील और ज़बूरे आले के नाम से मश्हूर है।

इस किताब में इमाम ज़ैनुल आबेदीन की दुआयें हैं। इस किताब में इमाम ज़ैनुल आबेदीन की 54 दुआये हैं जिसे इमाम ने बोलकर लिखवाया है और इमाम मोहम्मद बाक़िर के भाई ज़ैद बिन अली ने इसे दो प्रतियों में लिखा है।

इमाम सज्जाद की एक प्रसिद्ध उपाधि ज़ैनुल आबेदीन भी है। आपका जन्म पांच शाबान 38 हिजरी क़मरी में हुआ था। इमाम ज़ैनुल आबेदीन कर्बला के महाआंदोलन में मौजूद थे। उस महाआंदोलन में उनके पिता इमाम हुसैन और उनके वफ़ादार साथी तीन दिन के भूख प्यासे शहीद कर दिये थे परंतु इमाम ज़ैनुल आबेदीन बहुत अधिक बीमार थे जिसकी वजह से उन्होंने जंग में भाग नहीं लिया।

इमाम ज़ैनुल आबेदीन की इमामत का काल 34 साल था और उस समय के वातावरण में इस्लाम का प्रचार- प्रसार बहुत कठिन था अतः इमाम ने अपनी दुआओं के माध्यम से लोगों को बहुत सी इस्लामी शिक्षायें दीं।

सहीफ़ये सज्जादिया बहुत ही मूल्यवान किताब है। इस किताब के बारे में ईरान की इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. ने कहा था कि सहीफ़ये सज्जादिया “ज़बूरे आले मोहम्मद” है।

यद्यपि सहीफ़ये सज्जादिया दुआ की किताब है परंतु यह किताब इस्लामी शिक्षाओं, इस्लामी आदेश, सामाजिक, राजनीतिक, नैतिक आदि विषयों से संबंधित शिक्षाओं का महासागर है और इमाम ज़ैनुल आबेदीन ने इन शिक्षाओं को दुआओं के रूप में बयान किया है।

इस किताब में उन दुआओं का उल्लेख है जिन्हें विभिन्न अवसरों पर पढ़ा जाता है जैसे मुश्किल के समय, महान ईश्वर से अपनी मुरादों व हाजतों को मांगने के समय की दुआ, माता-पिता के बारे में दुआ, पड़ोसी के बारे में, वर्षा होने के बारे में दुआ, क़हत व अकाल पड़ने के समय की दुआ और दुश्मनों के षडयंत्रों को दूर करने की दुआयें।