उत्तर प्रदेश राज्य

अलीगढ : सपा के दलित सांसद रामजीलाल सुमन के क़ाफ़िले पर राजपूत करणी सेना ने किया जानलेवा हमला : रिपोर्ट

 

अलीगढ से होकर निकल रहे सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले को विरोध का सामना करना पड़ा। काफिले को करणी सेना व क्षत्रिय समाज ने काले झंडे दिखाए और टायर भी फेंके गए। पुलिस-प्रशासन ने काफिले को रोका और रामजी लाल सुमन को वापस कर दिया।

बुलंदशहर के सुनेहरा को जा रहे थे रामजी लाल सुमन
बुलंदशहर के कोतवाली देहात अंतर्ग गांव सुनहेरा में 21 अप्रैल की रात दबंगों ने काले रंग की थार से दलित समाज के चार लोगों को कुचल दिया था। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल काले रंग की थार को भी बरामद कर लिया था। रामजी लाल सुमन ने बताया कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रतिनिधि मंडल के साथ सुनेहरा जानकारी करने जा रहा था। रामजी लाल सुमन का काफिला बुलंदशहर के लिए निकला।

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काफिले को दिखाए काले झंडे, फेंके टायर
अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ठा. ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जैसे ही पता चला कि रामजी लाल सुमन का काफिला अलीगढ़ से जा रहा है, तभी उसका विरोध करने की प्लानिंग बना ली गई। ऐसा ही हुआ, जैसे ही काफिला अलीगढ़ से गुजरा तो करणी सेना और क्षत्रिय समाज के लोगों ने रामजी लाल सुमन के खिलाफ नारेबाजी, विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। काफिले पर टायर फेंके गए और काले झंडे दिखाए।

 

 

आपस में भिड़ गईं काफिले की गाड़ियां
लोधा थाना क्षेत्र के खेरेश्वर चौराहे पर दोपहर 2 बजे के लगभग सपा राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन का काफिला पहुंचा। वहां करणी सेना के कार्यकर्ताओं को देख काफिले में हड़बड़ी मच गई, जिससे काफिले की पांच गाड़ियां आपस में टकराकर क्षतिग्रस्त हो गईं। काफिले में सवार कई कार्यकर्ता घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल व निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलों में एडवोकेट ब्रज मोहन रही, एडवोकेट लल्लन बाबू, वीरपाल सिंह ,सत्यपाल सिंह, सुरेश नेत्रपाल, पूरनचंद सहित अन्य लोग हैं।

गभाना टोल पर रोका काफिला, पुलिस-प्रशासन से नोक-झोंक
वहां से जैसे ही रामजीलाल सुमन का काफिला आगे गभाना टोल प्लाजा पर पहुंचा तो वहां पर पहले से ही अलीगढ़ के साथ बुलंशहर जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने रामजीलाल सुमन के काफिले को रोक दिया। वहां पर रामजी लाल सुमन और सपा कार्यकर्ताओं की पुलिस-प्रशासन से नोक-झोंक हो गई। सपा कार्यकर्ताओं ने काफिले पर पथराव करने का भी आरोप लगाया है। बाद में पुलिस ने रामजी लाल सुमन को वापस भेज दिया। कुछ कार्यकर्ताओं को ही आगे जाने दिया।

दर्ज कराया जा रहा मुकदमा
अलीगढ़ के एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि सांसद रामजीलाल सुमन के काफिले पर कुछ लोगों ने टायर फेंके। जिसके संबंध में थाना गभाना पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया जा रहा है, जिसके उपरांत आवश्यक विधिक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी ।

चौकी प्रभारी निलंबित, थाना प्रभारी के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई
एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि प्रकरण में शिथिलता बरतने के लिए स्थानीय चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर थाना प्रभारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रचलित की गई । सांसद को जनपद अलीगढ़ से सकुशल पास कराया जा चुका है, किसी भी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई है । मौके पर शांति है ।

Gurpreet Garry Walia
@garrywalia_
कुछ लोग कभी नहीं सीखते है

रामजीलाल सुमन के विरोधी उन्हें डराने की कोशिश कर रहे है जो की एक फालतू की कोशिश है क्यूंकि जब तक रामजीलाल सुमन के साथ अखिलेश यादव खड़ा है ना रामजीलाल सुमन झुकेगा ना डरेगा

एक सच्चाई ये भी है की अखिलेश यादव चटान की तरह रामजीलाल सुमन के साथ खड़ा है और जिसके साथ यूपी में अखिलेश खड़ा है वो कभी नहीं झुकेगा हाँ अगर अखिलेश यादव ने ही मूड बना लिया तो बात अलग है !

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Kavish Aziz
@azizkavish
रामजीलाल सुमन पर हमला करने की ज़िम्मेदारी ओकेन्द्र राणा ने ली है।

20 अप्रैल को इसने अपनी फेसबुक पेज पर खुले तौर पर लिखा था कि अब अखिलेश यादव रोएंगे और समाजवादी पार्टी के नेता रोएंगे…

आज फिर इसने धमकी देते हुए लिखा है की तेरी ऐसी नकेल डालेंगे तेरी कई पीढ़ियां बाबर का नाम लेना भूल जाएंगी…

इस पोस्ट को साढ़े चार हजार लोगों ने लाइक किया है क्या उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन में लोगों ने इस पोस्ट को नहीं देखा, या जानबूझकर ऐसे लोगों को शय दी जा रही है जो कानून अपने हाथ में लेकर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों पर हमले कर रहे हैं

 

Samajwadi Party Media Cell
@mediacellsp
आज सपा के दलित सांसद रामजीलाल सुमन पर भाजपा ने अपनी निजी सेना से जानलेवा हमला करवा दिया और दलित नेता सपा सांसद रामजी लाल सुमन को जान से मरवाने की कोशिश की है भाजपा ने।

एक तरफ तो भाजपा हिन्दू एकता की बातें करती है दूसरी तरफ भाजपा दलितों पिछड़ों का उत्पीड़न, शोषण, अत्याचार और उनकी जान लेने का प्रयास करती है।

क्या दलित पिछड़ा सिर्फ भाजपा को वोट देने के लिए ही हिन्दू हैं? अगर दलित पिछड़ा अपने अधिकार मांगें तो वो हिन्दू नहीं? अपनी सुरक्षा मांगें तो वो हिन्दू नहीं? भाजपा की ये हिंदू परिभाषा अब दलित पिछड़ा समझ चुका है और भाजपा को करारा जवाब मिलेगा।